यूपी में परचरम लहराने के बाद बीजेपी के सामने सबसे बड़ा सवाल, कौन बनेगा सीएम?
लखनऊ: बीजेपी ने यूपी चुनाव में भारी बहुमत हासिल कर जीत का परचम तो फहरा दिया है. लेकिन सीएम कौन होगा इस पर सस्पेंस अब तक बना हुआ है. बीजेपी में छह नाम ऐसे हैं जो सीएम पद की रेस में बने हुए हैं.
जानें यूपी में बीजेपी के सीएम पद के दावेदार
राजनाथ सिंह
देश के मौजूदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह का पलड़ा यूपी के सीएम पद के लिए सबसे मजबूत दिखता है, क्योंकि वे यूपी से ताल्लुक रखते हैं. राजनाथ साल 2000 से 2002 तक यूपी का सीएम का पद भी संभाल चुके हैं. यूपी को बीजेपी में जीत दिलाने के लिए बतौर राष्ट्रीय नेता सबसे ज्यादा 125 रैलियां भी राजनाथ सिंह ने की थी.
लेकिन क्या पीएम मोदी दोबारा राजनाथ सिंह को यूपी भेजना पसंद करेंगे? क्योंकि केंद्र में बार-बार प्रतिभा की कमी को लेकर सवाल उठता रहा है. खुद राजनाथ के लिए भी ये फैसला लेना आसान नहीं होगा कि वो केंद्र में बने रहें या फिर लौटकर प्रदेश की राजनीति करें.
मनोज सिन्हा
यूपी के गाजीपुर से बीजेपी सांसद मनोज सिन्हा भी सीएम की रेस में हैं. क्योंकि मनोज सिन्हा को मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है. आईआईटी-बीएचयू के छात्र रहे मनोज सिन्हा अभी मोदी सरकार में दूरसंचार और रेल राज्यमंत्री हैं. इस दौरान उनका काम भी संतोषजनक रहा है. भूमिहार जाति के मनोज सिन्हा यूपी की प्रभावी जाति में नहीं गिने जाते हैं. इसलिए उनका दावा भी मजबूत समझा जा रहा है.
योगी आदित्यनाथ
सीएम पद की रेस में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम भी दमदार माना जा रहा है. आदित्यनाथ हिंदुत्व का मुखर चेहरा माने जाते हैं. फायर ब्रांड छवि होने की वजह से पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक उनकी जबरदस्त पैठ है. प्रदेश के नेताओं में शायद संघ और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय भी हैं. बहुसंख्यकों का ध्रुवीकरण कराने में भी आदित्यनाथ अहम भूमिका मानी जा रही है. लेकिन कम प्रशासनिक अनुभव और बहुत ज्यादा कट्टर हिंदुत्व चेहरा होने की वजह से आदित्यनाथ के चयन में परेशानी आ सकती है.
केशव प्रसाद मौर्य
बीजेपी के यूपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने गैर यादव और पिछड़ी जातियों को पार्टी के साथ खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई है. फूलपुर से बीजेपी सांसद केशव युवा और मेहनती भी हैं. इसलिए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें पसंद करता है. लेकिन अतीत की जिंदगी के कुछ दागदार पन्ने उनकी राह में रोड़े अटका सकते हैं.
श्रीकांत शर्मा
यूपी के सीएम की रेस में बीजेपी के पास एक और नाम श्रीकांत शर्मा का है. श्रीकांत अभी पार्टी में महासचिव और प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मथुरा से पहली बार विधानसभा चुनाव श्रीकांत शर्मा ने लड़ा और बड़ी जीत भी हासिल की. श्रीकांत अमित शाह के बेहद करीबी हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि अमित शाह के पास जाने का रास्ता श्रीकांत शर्मा के पास से होकर ही खुलता है.
सिद्धार्थनाथ सिंह
टीवी चैनलों में बीजेपी का पक्ष रखने वाले सिद्धार्थनाथ सिंह भी सीएम पद के उम्मीदवार हैं. इलाहाबाद पश्चिम से उन्होंने जीत दर्ज की है. सिद्धार्थ नाथ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं. इलाहाबाद की रैली में अमित शाह ये पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि बीजेपी की सरकार बनने पर उन्हें महत्वपूर्ण दायित्व दिया जाएगा.
यूपी में कमल खिलाने वाली बीजेपी के पास चेहरे तो हैं. लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं. जानकार बताते हैं कि यूपी जैसे बड़े और जटिल राज्य में कोई डमी कैंडिडेट नहीं चल सकता. यूपी की जनता ने आगे आकर बीजेपी को जिस कदर भारी बहुमत दिया है, उसके पीछे जनता की भारी अपेक्षाएं और आंकाक्षाएं भी छिपी हैं.