गुजरात में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? इन तीन में किसी एक पर लग सकती है मुहर: सूत्र
सूत्रों के मुताबिक शपथग्रहण की तारीख तय हो गई है. 25 दिसंबर को गुजरात की नई सरकार शपथ ले सकती है. शपथ ग्रहण समारोह के लिए अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम तय किया गया है. इसके अलावा साबरमती रिवर फ्रंट और गांधीनगर के महात्मा मंदिर का नाम भी चल रहा है.
नई दिल्ली: विजय रुपाणी, पुरुषोत्तम रुपाला, मनसुख भाई मांडविया. इन्हीं तीन में से किसी एक को चुना जाएगा, जिसे गुजरात की गद्दी मिलेगी. गुजरात में बीजेपी ने 22 साल पुरानी बादशाहत को बरकरार रखा है. बीजेपी ने 182 विधानसभा सीटों में से 99 पर जीत हासिल की है लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ही अगले मुख्यमंत्री होंगे इस पर सस्पेंस बना हुआ है.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी गुजरात के नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार कर सकती है. नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार करने से पहले बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में रख रही है. नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर बीजेपी दो विकल्पों में से किसी एक पर मुहर लगा सकती है.
पहले विकल्प के तहत विजय रुपाणी को एक और मौका दिया जाए और जाति की राजनीति करने वालो के मुंह पर करार तमाचा मारा जाए. लेकिन इसमें एक बड़ा खतरा है कि अगर विजय रुपाणी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
दूसरे के तहत पुरुषोत्तम रुपाला या मनसुख भाई मांडविया में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाए. रुपाला और मांडविया दोनों पाटीदार नेता है. पुरुषोत्तम रुपाला दबंग पाटीदार नेता माने जाते हैं और पाटीदारों में बहुसंख्यक लेउवा पाटीदार समाज से आते हैं. जबकि मनसुख मांडविया केंद्र सरकार में जहाज और परिवहन मंत्री हैं. मांडविया की पहचान किसान नेता के तौर पर भी होती है.
पाटीदार समाज से मुख्यमंत्री बना कर बीजेपी पाटीदारों में एक संदेश भेज सकती है कि वो पाटीदारों के साथ खड़ी है. इस कदम के सहारे बीजेपी इस चुनाव में छिटके पाटीदारों को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जोड़ने की कोशिश करेगी.