नई दिल्लीः ईंधन और कुछ खाने वाले चीजों के दामों में गिरावट के कारण थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई जनवरी में घटकर 2.76 प्रतिशत पर आ गया है. यह पिछले दस माह का सबसे नीचले स्तर पर है. थोक महंगाई सूचकांक के आधार पर दिसंबर, 2018 में थोक बाजार की महंगाई दर 3.8 प्रतिशत और जनवरी, 2018 में 3.02 प्रतिशत थी. सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2018 के 2.74 प्रतिशत के बाद जनवरी, 2019 में थोक महंगाई अपने सबसे निचले स्तर पर है.


आंकड़ों के अनुसार दिसंबर की तुलना में जनवरी में आलू, प्याज, फल और दूघ के थोक भाव में कमी आई है. लेकिन, इस दौरान कुल मिलाकर खाने की चीजों के थोक मूल्य सालाना आधार पर 2.34 प्रतिशत ऊंचे रहे. दिसंबर, 2018 में खाने वाले चीजों के थोक भाव में सालाना आधार पर 0.07 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है.


इससे पहले जारी आंकड़ों में जनवरी की खुदरा महंगाई थोड़ी सी घटकर 2.05 प्रतिशत पर आ गयी. महत्वपूर्ण महीनों में ईंधन और बिजली वर्ग के थोक मूल्य महंगाई तेजी से गिरकर 1.85 प्रतिशत पर गयी. दिसंबर में इस वर्ग के दाम सालाना आधार पर 8.34 प्रतिशत ऊपर थे.


यह गिरावट डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की कीमतों के घटने से है. बनाए दए सामानों में कुल मिलाकर थोक भाव जनवरी में घटे. वैसे इस वर्ग में चीनी और परिधानों के भाव में तेजी रही. मुद्रास्फीति का दबाव कम होने से रिजर्व बैंक की नीतिगत दर में कमी की संभावना बढ़ी है. केंद्रीय बैंक ने इसी माह के मौद्रिक नीति की दो महीने की समीक्षा में रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटा कर 6.25 प्रतिशत कर दी. इससे बैंकों का कर्ज सस्ता होगा.


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