Ayodhya Election Review Report: मिल गई अयोध्या में BJP की हार की वजह! लल्लू सिंह के बयान और कुर्मी-मौर्य वोटर्स ने बिगाड़ा पूरा खेल
Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से ही उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट की चर्चा जोरों पर है. सोशल मीडिया पर इस सीट से मिली बीजेपी की हार को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं.
Ayodhya Election Review Report: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के बहुमत से दूर रहने से ज्यादा चर्चा पार्टी को फैजाबाद सीट पर मिली हार की रही. पार्टी की ओर से रामनगरी में बीजेपी की हार को लेकर समीक्षा की गई. अब इस समीक्षा रिपोर्ट में एक बड़ी वजह सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फैजाबाद से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व सांसद लल्लू सिंह के बयान से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है.
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया कि लल्लू सिंह ने संविधान में बदलाव की बात कही थी, जिसके चलते बीजेपी से दलित वोट छिटक गए. रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के कुर्मी और मौर्या वोटों में बड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही पेपर लीक भी एक बड़ी वजह के तौर पर सामने आया है.
संविधान संशोधन के दावे ने डुबा दी लल्लू की नैय्या
भगवान राम की जन्मभूमि पर बना भव्य राम मंदिर भी फैजाबाद सीट पर बीजेपी को हार से नहीं बचा सका. बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह को सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने करारी शिकस्त दी. लल्लू सिंह की इस हार में सबसे बड़ा कारण उनका संविधान संशोधन को लेकर दिया गया बयान रहा.
आज अंबेडकर जयंती है।
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) April 14, 2024
परसों मोदी जी ने कहा था कि स्वयं अंबेडकर जी भी आ जाएँ तो भी संविधान नहीं बदल सकते।
अब अयोध्या से भाजपा के वर्तमान सांसद लल्लू सिंह खुलेआम कह रहे हैं संविधान बदलना है इसलिए 400 सीटें जीतनी होंगी।
मोदी जी इन्हें दिल से माफ़ कर पाएँगे? pic.twitter.com/y6UdLj3uNf
दरअसल, बीजेपी के 400 पार के नारे को लेकर लल्लू सिंह ने संविधान संशोधन की बात कह दी थी. जो पार्टी के लिए खतरनाक साबित हुई. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वो कहते नजर आते हैं, ''सरकार तो 272 पर भी बन जाती है, लेकिन 272 की सरकार संविधान में संशोधन नहीं कर सकती है. उसके लिए दो तिहाई बहुमत से अधिक सीट चाहिए होता है. या फिर चाहे नया संविधान बनाना हो.''
पेपर लीक भी अहम मुद्दा
बीजेपी की समीक्षा रिपोर्ट में लल्लू सिंह के इस बयान को ही पार्टी के लिए घातक माना गया है. कहा जा सकता है कि उनके इस बयान से दलित मतदाताओं के बीच बीजेपी की ओर से आरक्षण खत्म किए जाने के विपक्षी दलों के दावों को बल मिला. हालांकि, इसके साथ ही पेपर लीक जैसे मुद्दे को भी अहम कारण बताया गया है. उत्तर प्रदेश में युवाओं के बीच पेपर लीक एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरा था.
ये भी पढ़ें: