लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 250 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी. नतीजों को लेकर अलग-अलग विश्लेषण सामने आ रहे हैं कि लोगों ने इस तरह की वोटिंग क्यों की. पांच साल में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. रूस और ब्रिटेन जैसे देश भी पीछे हैं और कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने अनुमान जताया है कि अगले कुछ सालों में भारत जापान और जर्मनी से आगे निकलकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इसके बावजूद बीजेपी का वोट कैसे गिर गया.
चुनावी आंकड़ों में सामने आया है कि बीजेपी को शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा कम वोट मिला है. जहां शहरों में 2019 के मुकाबले वोट बढ़ा. वहीं, गांवों में यह आंकड़ा गिर गया. इसके पीछ एक वजह शायद ये है कि गांवों में लोगों की आमदनी घटी है. देश की जीडीपी भले बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन इसका गांवों के गरीब परिवारों की जीडीपी पर कोई असर नहीं पड़ता है. यहां रहने वाले भी इस पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि उनके परिवारों की आमदनी का ग्रोथ रेट क्या है.
ग्रामीण इलाकों में 4 फीसदी गिरा, शहरों में 6 फीसदी बढ़ा बीजेपी का वोट शेयर
ग्रामीण इलाकों में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं. इन 343 सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर सबसे ज्यादा कम हुआ है. 2019 में यहां बीजेपी को 39.5 फीसदी वोट मिले, लेकिन इस बार सिर्फ 35 फीसदी ही वोट मिला. वहीं, शहरों में बीजेपी का वोट शेयर करीब साढ़े 6 फीसदी तक बढ़ गया. यहां पिछली बार पार्टी के हिस्से में 33.6 फीसदी वोट मिला, जो अबकी बार 40 फीसदी पर पहुंच गया.
गांवों में लोगों के लिए देश की जीडीपी से बड़ा मुद्दा उनके घर की जीडीपी?
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुफ्त घर, उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर और मुफ्त राशन जैसी लाभकारी योजनाओं के लाभार्थी सबसे ज्यादा गांवों में ही हैं. बीजेपी की सरकार ने भी ग्रामीणों को इन सब योजनाओं के तहत लाभ पहुंचाया, लेकिन लाभार्थियों ने बीजेपी को वोट नहीं दिए. आंकड़ों से साफ है कि यहां रहने वालों के लिए देश से पहले अपने परिवारों की जीडीपी का मुद्दा बड़ा था. इसके अलावा, जिन राज्यों में लोगों की आय की वृद्धि दर कम थी, उन राज्यों में बीजेपी के वोट पर सबसे ज्यादा चोट पड़ी है.
जहां आमदनी कम, वहां वोट भी घटा?
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के वोट शेयर में 8.6 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 1.9 फीसदी, हरियाणा में 12.1 फीसदी, झारखंड में 7 फीसदी, बिहार में 3.6 फीसदी और महाराष्ट्र में 1.6 फीसदी कमी आई है. 2019 में इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर यूपी के लिए 3.7 फीसदी, बंगाल के लिए 3.1 फीसदी, हरियाणा के लिए 1.8 फीसदी, झारखंड के लिए 1.7 फीसदी, बिहार के लिए 1.8 फीसदी और महाराष्ट्र के लिए -0.5 फीसदी थी.
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