Boy Kills Mother: लखनऊ (Lucknow) में एक नाबालिग बेटे ने पब जी (PUBG) ना खेलने देने को लेकर अपनी ही मां की हत्या कर दी. यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद अब सवाल खड़ा होने लगे हैं कि जिस पब जी गेम पर केंद्र सरकार के द्वारा रोक लगाई जा चुकी थी आखिरकार बच्चे अभी भी उस पब जी (PUBG) गेम को कैसे खेल पा रहे हैं? यह साल अब सबको परेशान करने लगा है कि कैसे एक बैन हो जुकी PUBG गेम बच्चों तक आसानी से पहुंच रही है.
इसी सवाल का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम ने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बात की और यह जानने की कोशिश की कैसे यह जानलेवा बन चुकी गेम बच्चों तक पहुंच रही है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने बताया की सरकार ने भले ही पब जी को बैन कर दिया हो लेकिन किसी भी ऐप का नाम बदलकर चलाना बहुत ही आसान है और इस मामले में वही किया गया है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल के मुताबिक ऐसे मामलों में जरूरी है कि लगातार निगरानी रखी जाए तभी ऐसी घटनाओ पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके साथ ही जरूरी है कि इसके लिए लगातार गैर सरकारी (Government) और अलग-अलग संस्थाओं से संपर्क साधा जाए जिससे की ये सुनिश्चित किया जा सके कि अगर बच्चे पब जी जैसे गेम के लिए कोई ट्रांजैक्शन करते हैं तो उसकी जानकारी तुरंत उनके अभिभावकों तक पहुंच सके.
साइबर एक्सपर्ट (Cyber Expert) अनुज अग्रवाल आगे के लिए माता-पिता को सलाह देते हुए कहा कि माता पिता के लिए जरूरी है कि वो लगातार अपने बच्चों पर नजर रखे और यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे किसी भी सूरत में ऐसे प्लेटफार्म पर कोई पेमेंट कर गेम्स खेलना न शुरू करें और इसके लिए लगातार अपने बच्चों कि गतिविधियों पर नज़र रखें.
यानी एक तरफ सरकार (Government) की जिम्मेदारी है कि अगर उसने ऐसे गेमिंग एप्लीकेशन (Gaming Application) पर रोक लगाई है तो उस पर सख्ती से पालन हो सके और तकनीक का फायदा उठा कर कम्पनियां (companies) ऐसी किसी भी गेमिंग साइट या एप्लीकेशन (Application ) को ना चला पाएं. वहीं माता-पिता की भी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है कि वह इस बात कि निगरानी करें कि उनके बच्चे ऐसी एप्लीकेशन ( Application ) या साइट पर गेम न खेल रहे हो जो उनके बच्चे या परिवार के लिए खतरनाक साबित हो जाए.