चौधरी देवी लाल ने क्यों ठुकराया था प्रधानमंत्री का पद, अपने अनोखे मिजाज के लिए मशहूर थे 'ताऊ'
आज हरियाणा के ताऊ चौधरी देवी लाल की जयंती है. इस खास दिन पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ा एक बेहद दिसचस्प किस्सा बता रहे हैं. जानिए आखिर उन्होंने प्रधानमंत्री का पद क्यों ठुकरा दिया था.
Chaudhary Devi lal Birth Anniversary: 25 सितंबर को चौधरी देवी लाल की जयंती मनाई जाती है. चौधरी देवी लाल को हरियाणा में "ताऊ देवी लाल" (Tau Devilal) के नाम से भी जाना जाता है. देवी लाल हरियाणा के प्रमुख राजनेताओं में से एक थे, जो 19 अक्टूबर 1989 से 21 जून 1991 तक भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे. वे दो बार, 21 जून 1977 से 28 जून 1979 और 17 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 1989 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे. वैसे तो हरियाणा और देश की राजनीति से जुड़े उनके तमाम किस्से लोगों के बीच है, लेकिन हम आपको जो किस्सा बताने जा रहे हैं वे बेहद खास है.
दरअसल, ये बात है साल 1989 की. उस दौरान देवी लाल की प्रमुख भूमिका के कारण देश में जनता दल की सरकार बनी. लोकसभा में महज 10 प्रतिनिधि भेजने वाले हरियाणा के नेता चौधरी देवी लाल अकेले नेता थे जिनसे देश राजनीति प्रभावित थी. यही कारण है कि सर्वसम्मति से देवी लाल को प्रधानमंत्री बनाने की बात रखी गई, लेकिन देवी लाल ने खुद ही पद को स्वीकार करने से मना कर दिया. इसके पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है.
क्यों ठुकराया प्रधानमंत्री का पद?
बताया जाता है कि उस दौरान चुनावी प्रक्रिया के बाद वीपी सिंह और उनके बीच कुछ ऐसा हुआ था कि उन्होंने वीपी सिंह (VP Singh) से वादा किया था कि प्रधानमंत्री उन्हीं को बनाया जाएगा. हालांकि, चुनाव के बाद परिणाम आए और देवी लाल को संसदीय दल का नेता भी चुन लिया गया, लेकिन बड़ी ही नाटकीयता से उन्होंने बैठक में कहा कि उनकी जगह वीपी सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे. देवी लाल को उप प्रधानमंत्री बनाया गया.
1991, 1996 और 1998 में मिली हार
उप प्रधानमंत्री बनने के बाद का दौर चौधरी देवी लाल के लिए बहुत ही खराब रहा. उसके बाद हुए तीन लोकसभा चुनावों सन 1991, 1996, तथा 1998 में चौधरी देवी लाल हरियाणा की रोहतक सीट से खड़े हुए और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) से तीनों चुनाव में परास्त हुए. अंत में उनके पुत्र ओम प्रकाश चौटाला ने 1998 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनवा दिया और राज्यसभा का सदस्य रहते हुए ही 2001 में उनकी मृत्यु हो गई.
चौधरी देवीलाल के बारे में यह भी जान लीजिए
चौधरी देवी लाल के पिता का नाम लेख राम था उनका जन्म हिसार (Hisar) जिले के तेजाखेड़ा गांव में 25 सितंबर 1914 को हुआ था. उनका विवाह सन 1926 में हरखी देवी साथ हुआ. उनकी कुल 5 संतानें हुई, जिनमें चार पुत्र तथा एक पुत्री थी. उनके पुत्रों के नाम है ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला और रणजीत सिंह तथा जगदीश चौटाला. वर्तमान समय में उनके कई नाती तथा पोते हरियाणा की राजनीति में कई दलों में सक्रिय हैं. उनमें प्रमुख हैं जननायक जनता पार्टी के संयोजक दुष्यंत चौटाला जो कि वर्तमान समय में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री हैं तथा ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के सुपुत्र हैं.
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