क्यों बढ़ी Hydroxychloroquine और Paracetamol की मांग, कैसे है कोरोना में मददगार, जानिए
क्यों अचानक Hydroxychloroquine और Paracetamol जैसी दवाओं की मांग बढ़ गई है. क्या ये टैबलेट्स कोरोना को हराने में हथियार बन सकते हैं. आइए जानते हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया इस वक्त खौफ में है. दुनियाभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1,346,566 हो गई है. वहीं इस खतरनाक वायरस से मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. अब तक इसकी चपेट में आने से 74,697 लोगों की मौत हो गई है.
अब पूरी दुनिया इसकी दवा ढूंढने में लगी हुई है. हर देश हर संभव प्रयास कर रहा है कि जल्द इस वायरस के लिए कोई दवा बना ली जाए. अब इसी बीच हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल की डिमांड दुनियाभर में बढ़ गई है.
शनिवार शाम को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर कोरोना से लड़ने के लिए सहयोग की मांग की है. बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टेबलेट्स मुहैया कराने का अनुरोध किया है.
अब ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टेबलेट्स और पैरासिटामोल की डिमांड क्यों बढ़ी है. यह दवाई किस काम आती है. आइए जानते हैं.
किस काम आती है ये दवा
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का भारत में उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है. यह दवा मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी में काम आती है. मलेरिया के साथ इन दवाओं का प्रयोग आर्थराइटिस में भी किया जाता है. अमेरिका जैसे देशों में यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों को दी जा रही है और सहायक भी साबित हो रही है. इसलिए अमेरिका समेत कई देशों में इसकी डिमांड अचानक बढ़ गई है. दरअसल इस दवा का खास असर सार्स-सीओवी-2 पर पड़ता है. यह वही वायरस है जो कोविड-2 का कारण बनता है और यही कारण है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के टेबलेट्स कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे हैं.
वहीं पैरासिटामोल का उपयोग आमतौर पर दर्द निवारक और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, गठिया, पीठ-दर्द, दांत-दर्द, जुकाम और बुखार जैसी कई स्थितियों के उपचार में होता है. इनमें से कई लक्षण कोरोना मरीजों में पाए जाते हैं इसलिए इन दवाओं की डिमांड बढ़ गई है.
क्या कोरोना के खिलाफ लड़ाई में असरदार हथियार साबित होंगी ये दवाएं
कोरोना महामारी फैलने के बाद चीन और जापान में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टैबलेट पर शोध हुआ, जिसमें पाया गया कि कोरोना संक्रमण को रोकने में एंटी मलेरियल्स दवाएं काफी सहायक हो सकती हैं. शोध में पाया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज और उसके करीबियों और स्वास्थ्यकर्मियों को निश्चित मात्रा में इस दवा की खुराक से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है. लेकिन इन दवाओं का प्रयोग बेहद सावधानी पूर्वक करना होगा क्योंकि इनका असर उल्टा भी हो सकता है. जरा भी ओवरडोज मरीज की जान ले सकती है.