लखनऊः बिहार विधान सभा चुनाव में जीत के बाद पिछले साल जब बीजेपी में डिप्टी सीएम चुना गया तो नाम सुनकर लोग चौंक गए थे. किसी भी राजनीतिक विश्लेषक को ये समझ नहीं आ रहा था कि बीजेपी ने ऐसा फैसला क्यों किया. तब बिल्कुल नौसीखिए तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम चुना गया था. तार किशोर पहले कभी मंत्री नहीं रहे लेकिन सीधे उप मुख्यमंत्री बना दिया गया.
रेणु देवी दूसरी डिप्टी सीएम बनीं. उनका प्रशासनिक-राजनीतिक अनुभव भी खास नहीं था. बाद में काफी दबाव और विवाद के बाद भूमिहार जाति के विजय सिन्हा को स्पीकर बनाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई.
पहले से ही तय थी रणनीति
अब जाकर समझ में आ रहा है कि बीजेपी ने ऐसा बिहार में किया क्यों था? लग ये रहा है कि पहले ही तय कर लिया था कि किसी भूमिहार ब्राह्मण को बिहार में ये जिम्मेदारी यूपी की वजह से नहीं देनी है और अब ये कड़ियां जुड़ रहीं हैं. असल में यूपी और बिहार के सियासी समीकरण को जोड़ता है गुजरात कैडर के एक आईएएस का नाम. अब वो अफसर नेता हो चुके हैं. नाम है अरविंद शर्मा.
अरविंद मऊ के रहने वाले हैं और जाति से भूमिहार हैं. खबर ये है कि योगी सरकार में शर्मा जी को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा. मौजूदा डिप्टी सीएम में से एक दिनेश शर्मा को विधान परिषद का सभापति बनाया जा सकता है. दिनेश शर्मा ब्राह्मण हैं.
यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को किया जा सकता है रिप्लेस
2017 में दिनेश शर्मा भी सब को चौंकाते हुए डिप्टी सीएम बने थे तब वो किसी सदन के सदस्य नहीं थे. तब कहा गया था कि ब्राह्मण वोट और जातिगत संतुलन बनाए रखने के लिए दिनेश शर्मा को ये जिम्मेदारी मिली थी. यूपी में करीब नौ से दस फीसदी ब्राह्मण हैं. ऐसे में भूमिहार जाति से आने वाले अरविंद शर्मा को किसी ब्राह्मण को रिप्लेस करके जिम्मेदारी देना आसान काम नहीं होगा.
मनोज सिन्हा के राज्यपाल बनने के बाद नहीं बचा बड़ा भूमिहार नेता
अरविंद शर्मा जिस भूमिहार जाति से आते हैं, उस भूमिहार जाति के यूपी में सबसे बड़े नेता हैं मनोज सिन्हा. पिछले साल मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का उप राज्यपाल बनाया गया था. मनोज सिन्हा 2017 में सीएम के दावेदार थे. लेकिन अंतिम समय में उनकी जगह योगी का नाम सार्वजनिक किया गया था. अभी यूपी सरकार में सूर्य प्रताप शाही और उपेन्द्र तिवारी भूमिहार जाति के नेता हैं, जो मंत्री हैं.
अरविंद शर्मा के पुराने काम को भुनाएगी पार्टी
यूपी में 2022 में चुनाव है. मतलब साल भर का वक्त. ऐसे में सवाल ये कि अगर अरविंद शर्मा डिप्टी सीएम बनते हैं तो क्या करेंगे? कहा ये जा रहा कि राज्य में उद्योग लाने के लिए और यूपी को गुजरात जैसा विकसित राज्य बनाने के लिए अरविंद शर्मा को लगाया जाएगा. बंगाल से टाटा नैनो प्लांट के गुजरात ले जाने में अरविंद शर्मा का रोल माना जाता है. ममता बनर्जी ने सत्ता में आने से पहले नैनो प्लांट का सिंगूर में विरोध किया था जिसके बाद फैक्ट्री गुजरात चली गई थी. अरविंद शर्मा के नाम को बंगाल चुनाव में भी बीजेपी भुनाएगी.
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