राजस्थान: सचिन पायलट के खिलाफ कांग्रेस को इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों करनी पड़ी?
राजस्थान कांग्रेस कार्यालय से सचिन पायलट के नाम की तख्ती हटाकर गोविंदसिंह डोटासरा के नाम की तख्ती लगाई गई. गोविंदसिंह डोटासरा अब नए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष होंगे. इसके साथ ही पायलट को डिप्टी सीएम पद से भी हटा दिया गया है.
जयपुर: राजस्थान में पिछले कई दिनों से सारी सियासी उठापटक ने आज एक नया मोड़ ले लिया. कई दिनों से नाराज चल रहे सचिन पायलट को मनाने के जब सारे प्रयास विफल हुए तो कांग्रेस ने आखिरकार सचिन पायलट समेत दो मंत्रियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.
सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अधयक्ष पद से हटा दिया गया है. इसके साथ ही पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को भी पद से हटा दिया गया है। सचिन पायलट की जगह पर अब प्रदेश कांग्रेस की कमान शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपी गई है.
सचिन पायलट के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों? सचिन पायलट को राजस्थान में कांग्रेस का बहुत बड़ा चेहरा माना जाता है. पिछले विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने बीजेपी लहर के बीच कांग्रेस को सत्ता दिलवाई. हालांकि समय समय पर सचिन पायलट अपने बयानों से अपनी ही सरकार को मुश्किल में डालते रहे. सचिन पायलट इशारों में अशोक गहलोत की ओर से नजरअंदाज किए जाने की बात भी कहते रहे.
सचिन पायलट के लिए ताबूत में कील एसओजी का देशद्रोह की धारा में पूछताछ के लिए दिया गया नोटिस साबित हुआ. सचिन पायलट इस नोटिस के बाद सचिन पायलट सीधे दिल्ली में आला कमान से मिलने पहंचे. यहां उन्होंने आलाकमान से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी. इसी बीच पायलट की मध्यप्रदेश के बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात हुई और कयास लगाए जाने लगे कि पायलट बीजेपी के जहाज में सवार हो सकते हैं. हालांकि सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों की बात करते रहे लेकिन बीजेपी में जाने से इनकार करते रहे.
सचिन पायलट की नाराजगी भांपकर कांग्रेस की ओर से दिल्ली से तीन बड़े नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे को जयपुर भेजा गया. इसके साथ ही खबर आई कि खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं.
कांग्रेस की ओर से कई कोशिशों के बाद भी सचिन पायलट नहीं माने. जयपुर में अशोक गहलोत ने आज विधायक दल की बाठक बुलाई थी. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के इंतजार में यह बैठक काफी देरी से शुरू हुई. आखिरकार जब इस बैठक में सचिन पायलट नहीं पहुंचे तो उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव पास कर दिया गया. जिसकी जानकारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दी.
राजस्थान की सियासत में अब आगे क्या होगा? कांग्रेस की ओर पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट की पहली प्रतिक्रिया आयी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं. अभी सचिन पायलट के समर्थक करीब 17 विधायक गुरुग्राम के मानेसर के पास एक होटल में हैं. सचिन पायलट के अगले राजनीतिक कदम का इंतजार पूरे राजस्थान को है.
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मिलकर मंत्रियों के बर्खास्त करने की जानकारी दे दी है. अशोक गहलोत के लिए आगे की कहानी विधानसभा के पटल पर होगी. जहां पर स्पीकर अगर सचिन पायलट समेत बाकी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर देते हैं तो बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा कम हो जाएगा और फिर देखना होगा कि अशोक गहलोत इस नंबर तक कैसे पहुंचते हैं.