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Explained: ED ने सोनिया-राहुल को क्यों भेजा समन? क्या है गांधी परिवार से नेशनल हेराल्ड केस का नाता
ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर वित्तीय लेनदेन, यंग इंडियन के प्रवर्तकों और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की भूमिका के बारे में पता लगाना चाहती है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने न्यूज़ पेपर ‘नेशनल हेराल्ड’ (National Herald) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और पार्टी नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को समन जारी किया है. सोनिया गांधी को ईडी ने आठ जून को मध्य दिल्ली के अपने मुख्यालय में पेश होने को कहा है, वहीं राहुल गांधी को आज यानी दो जून को पेश होने को कहा गया है. हालांकि कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि राहुल गांधी ने जांच एजेंसी को पेश होने की तारीख को पांच जून के बाद तक टालने के लिए लेटर लिखा है, क्योंकि वह देश में नहीं हैं. समझिए पूरा मामला क्या है.
नेशनल हेराल्ड है क्या?
नेशनल हेराल्ड एक न्यूज़ पेपर है, जिसेसाल 1938 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शुरू किया था. इस न्यूज़ पेपर को चलाने का जिम्मा 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL) नाम की कंपनी के पास था. शुरुआत से इस कंपनी में कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग हावी रहे. करीब 70 साल बाद 2008 में घाटे की वजह से इस न्यूज़ पेपर को बंद करना पड़ा. तब कांग्रेस ने एजेएल को पार्टी फंड से बिना ब्याज का 90 करोड़ रुपए का लोन दिया. फिर सोनिया और राहुल गांधी ने 'यंग इंडियन' नाम से नई कंपनी बनाई. यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स को दिए लोन के बदले में कंपनी की 99 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई. यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था.
कैसे बढ़नी शुरू हुईं सोनिया-राहुल की मुश्किलें?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2012 में एक शिकायत दर्ज कराई थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के कोष का गबन करने का आरोप लगाया था. स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था.
दो साल बाद जून 2014 में कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया. इसके बाद अगस्त में ईडी ने मामले का संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. सोनिया और राहुल गांधी ने साल 2015 में अलग-अलग 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि अदा करने के बाद दिल्ली की पटियाला कोर्ट से जमानत हासिल की थी. इसके अगले साल यानी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी, लेकिन कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया.
कौन-कौन हैं आरोपी?
पिछले साल सोनिया-राहुल को फिर जारी हुआ नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में स्वामी की याचिका पर सोनिया, राहुल को उनके जवाब के लिए नोटिस जारी किया था. यह नोटिस सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जारी किया गया था, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी हैय ट्रायल कोर्ट ने स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी, उनके बेटे और अन्य आरोपियों से सबूत पेश करने की मांग की थी. इसके बाद स्वामी ने इस आदेश के खिलाफ 19 फरवरी को हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इससे एक हफ्ते पहले ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि सांसद की सबूत पेश करने की मांग करने वाली याचिका पर मामले में जांच पूरी होने के बाद विचार किया जाएगा.
अब ईडी सोनिया-राहुल से क्या जानना चाहती है?
ईडी ने सोनिया गांधी को आठ जून और राहुल गांधी को आज पेश होने के लिए समन जारी किया है. ईडी के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है. ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर वित्तीय लेनदेन, यंग इंडियन के प्रवर्तकों और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की भूमिका के बारे में पता लगाना चाहती है.
ईडी ने जांच के तहत हाल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी पूछताछ की थी. यह मामला कांग्रेस समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था. एक निचली अदालत की ओर से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था.
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