Assembly Election 2019: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. महीने भर पहले तक राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय कुमार कांग्रेस को "टाटा" बोल कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि आम आदमी पार्टी में उनका क्या भूमिका होगी ये अभी साफ नहीं है लेकिन दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी के लिए अजय कुमार का शामिल होना एक बड़ी कामयाबी है. जहां तक कांग्रेस का सवाल है राज्य में पार्टी भीषण अंतर्कलह से जूझ रही है. सूत्रों के मुताबिक राज्य के कई अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ सकते हैं.
अजय के 'दर्द' को कांग्रेस में भाव नहीं मिला :-
दरअसल लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद झारखंड कांग्रेस में अजय कुमार के इस्तीफे की मांग उठ रही थी. आखिरकार अगस्त में दिए अपने इस्तीफे में अजय कुमार ने पार्टी के कई नेताओं का नाम लेकर आरोप लगाया कि इन नेताओं ने व्यक्तिगत राजनीति के लिए पार्टी को नुकसान पहुँचाया. इस्तीफे की चिट्ठी में अजय कुमार ने सुबोधकांत सहाय, रामेश्वर उरांव, प्रदीप बलमुचू आदि नेताओं का नाम लेकर उनपर आरोप लगाया था. हालांकि अजय कुमार के इस्तीफे के बाद कांग्रेस हाईकमान ने 72 साल के बुजुर्ग आदिवासी नेता रामेश्वर उरांव को झारखंड की कमान दे दी. उरांव के साथ पांच कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए. जाहिर है ओरांव को कमान मिलने से ये साफ हो गया कि अजय कुमार की बातों को कांग्रेस ने गंभीरता से नहीं लिया. ऐसे में अजय कुमार के लिए कांग्रेस में टिकना मुमकिन नहीं था.
आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर अजय कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी अलग तरह की राजनीति करती है. हालांकि आप में शामिल होते वक्त अजय कुमार ने कांग्रेस पर हमला नहीं किया.
राजनीति से पहले रहे हैं 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' :-
आपको बता दें कि कांग्रेस में आने से पहले अजय कुमार झारखंड विकास मोर्चा में थे और जेवीएम से जमशेदपुर के सांसद भी रह चुके हैं. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद वो कांग्रेस में शामिल हुए और 2017 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. अजय कुमार आईपीएस में रह चुके हैं. वो अविभाजित बिहार में जमशेदपुर के एसपी थे. तब उनकी छवि इनकाउंटर स्पेशलिस्ट की थी. बाद में उन्होंने आईपीएस छोड़ कर टाटा कम्पनी जॉइन कर ली थी. आईपीएस बनने से पहले अजय कुमार ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. मूल रूप से अजय कुमार कर्नाटक से हैं.
"अस्थिर मिजाज के व्यक्ति हैं" :-
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अजय कुमार के पार्टी छोड़ने पर एबीपी न्यूज से कहा कि उनका जाना दुखद है लेकिन कई बार लगता है कि वो अस्थिर मिजाज के व्यक्ति हैं. किसी भी पेशे में स्थाई रूप से नहीं रहे. बार-बार जगह बदलते हैं और काम पूरा किए बगैर पलायन कर जाते हैं.
झारखंड कांग्रेस की हालत खस्ता :-
अजय कुमार के अलावा झारखंड कांग्रेस के कई और नेता भी दूसरी पार्टियों के संपर्क में हैं. एक वरिष्ठ नेता ने एबीपी न्यूज से कहा कि "प्रदेश नेतृत्व ( प्रदेश अध्यक्ष) की तरफ से कोई संवाद ही नहीं किया जा रहा. आगे भी कई कड़ियां टूटेंगी. मैं खुद द्वंद में हूँ. सूत्रों के मुताबिक झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के अलावा योगेंद्र साहू, मनोज यादव जैसे नेता पार्टी छोड़ सकते हैं. झारखंड के एक युवा कांग्रेस नेता ने एबीपी न्यूज से कहा कि "पार्टी बुरी हालत में है. पहले दूसरी पार्टी से आए नेता प्रदेश अध्यक्ष बने और अब बूढ़े नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है. नेताओं का अपना-अपना स्वार्थ है. डैमेज कंट्रोल के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा. विधानसभा चुनाव में पार्टी का दोहरे अंकों में पहुंचना मुश्किल है."
अजय कुमार के पार्टी छोड़ने पर झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह से हमने प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. झारखंड में कुछ महीनों बाद चुनाव होना है. फिलहाल विधानसभा में कांग्रेस के पास आठ विधायक हैं. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठबंधन है जिसमें कांग्रेस की भूमिका "जूनियर पार्टनर" की है. बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली थी.
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