यहां जानें- भारतीय सेना को पाकिस्तान को करारा जवाब देने की जरूरत क्यों पड़ी?
नई दिल्ली: नौ महीने पहले पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने उरी में सेना के कैंप पर हमला किया था, जिसमें भारत के 19 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लॉन्चिंग पैड तबाह किए. ठीक उसी तरह इस बार भी सेना ने भारतीय सैनिकों की शहादत का बदला लिया है. हमले के वीडियो के अलावा फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार भारत ने एलओसी पार किए बिना ही पाकिस्तान को सबक सिखा दिया है.
शहीद जवानों से बर्बरता का बदला
सेना में नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर के साथ पाकिस्तान की बैट यानी बॉर्डर एक्श्न टीम ने बर्बरता की थी. 1 मई को जम्मू की कृष्णा घाटी में भारतीय पोस्ट पर पाकिस्तान ने पहले रॉकेट और मोर्टार से गोलाबारी की, इस दौरान पाकिस्तानी बैट टीम ने घात लगाकर पेट्रोलिंग कर रहे भारतीय जवानों पर हमला किया और उनके सिर काटकर ले गए.
वीडियो सेना की कार्रवाई का सबूत
भारत के दो जांबाज जवानों के साथ हुई बर्बर कार्रवाई से पूरा देश गुस्से में था. हर तरफ पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग हो रही थी. सिर के बदले सिर काटने की बात हो रही थी. लेकिन सेना ने तब ही कह दिया था कि सही वक्त पर और सही तरीके से पाकिस्तान को जवाब दिया जाएगा. 24 सेकेंड का ये वीडियो सेना की उसी कार्रवाई का सबूत है
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की इस कार्रवाई की खबर पंजाब के तरनतारन में शहीद परमजीत सिंह का परिवार भी देख रहा था. हालांकि देश के लिए अपने बहादुर बेटे को कुर्बान करने वाली मां आज भी यही कह रही है कि जिस तरह उसके बेटे का सिर काटा गया था पाकिस्तान के साथ भी वैसा ही करना चाहिए.
दो शहीदों के बदले में 20 पाकिस्तानी सैनिकों का सफाया
भारतीय सेना ने भले ही पाकिस्तानी सैनिकों के सिर न काटे हों लेकिन जानकारों के मुताबिक सेना की इस बड़ी कार्रवाई में बंकरों में मौजूद कम से कम 20 पाकिस्तानी मारे गए होंगे यानी भारत के दो शहीदों के बदले में 20 पाकिस्तानी सैनिकों का सफाया.
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