कृषि संबंधी कानूनों पर किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. शुक्रवार की सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत बेनतीजा रही. दोनों पक्षों ने अपने स्टैंड से झुकने से इनकार कर दिया, हालांकि, इस बात पर सहमति बनी की चर्चा जारी रहेगी. किसानों संगठनों का इस बात पर जोर है कि नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी तौर पर समर्थन मिले. ऐसे में पंजाब में ट्रेन सेवाएं शुरू होने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई.
किसानों संगठनों के प्रतिनिधियों और तीन केन्द्रीय मंत्री- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश के बीच यह बातचीत करीब आठ घंटे तक चली. इसके बाद नरेन्द्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए यह माना कि जो किसान चाहते हैं और जो सरकार का रुख है उसमें काफी अंतर है.
नए कृषि कानूनों में हरियाणा और पंजाब में जोरदार प्रदर्शन देखा गया है. पंजाब जाने वाली मालगाड़ी समेत सभी ट्रेन सेवाएं पिछले एक महीने से बंद हैं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. किसानों के प्रतिनिधि कानून में मौजूदा एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी) या मंडी की बजाय सीधे किसानों से खरीद का विरोध कर रहे हैं.
बैठक के दौरान कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों पर प्रजेंटेशन भी दिया और यह सुनिश्चित किया कि कृषि उत्पाद की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, बैठक के दौरान मौजूद रेलवे बोर्ड के चेयमेन विनोद कुमार यादव भी मौजूद थे और उन्होंने किसान नेताओं से कहा कि ट्रेन टिकट लेने वाले पंजाब और जम्मू कश्मीर के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. इस दौरान किसान नेताओं ने यादव की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे राजनेताओं के साथ चर्चा चाहते हैं न कि अधिकारियों के साथ. बैठक के बाद मीडिया के बात करते हुए नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, “बातचीतच काफी लंबे समय तक चली. बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में सफल रही. उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार के विचार और उनके मद्दों में निश्चित रूप से काफी दूरी थी. हालांकि, हमारी यह बातचीत जारी रहेगी और उन्हें यह सुनिश्चित किया है कि नया कृषि कानून एमएसपी या एपीएमसी को प्रभावित नहीं करेगा। पंजाब में दोनों ही जारी रहेंगे.”
पंजाब में नए कृषि संबंधी कानूनों पर भारी और रेल रोको आंदोलन के चलते ट्रेन सवाएं 24 सितंबर से बंद पड़ी हैं. रेलवे ने मालगाड़ी चलाने से यह यह कहकर इनकार कर दिया कि या तो वे पैसेंजर और मालगाड़ी दोनों ट्रेन चलाएंगे या नहीं तो कुछ नहीं चलेगा.