बंबई हाई कोर्ट ने पूछा, सरकार लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को मंजूरी देने की इतनी इच्छुक क्यों?
कुंबाकोनी ने साफ किया कि सरकार अदालत के आदेश को कमतर करने की कोशिश नहीं कर रही और वह काम चल जाने वाले समाधान पर प्रयास कर रही है.
मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि वह राज्य में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को मंजूरी देने की इतनी इच्छुक क्यों है. जब राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि राज्य में फिलहाल कोई शांत क्षेत्र नहीं है.
एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंबाकोनी ने जस्टिस ए एस ओका और रियाज चागला की खंडपीठ को बताया कि ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के अनुपालन में पूर्व में घोषित किए गए सभी शांत क्षेत्र इलाके खत्म हो गये हैं.
केंद्र सरकार द्वारा इस साल 10 अगस्त को जारी संशोधित नियमों के मुताबिक किसी भी क्षेत्र या इलाके को तब तक शांत क्षेत्र नहीं माना जायेगा जब तक राज्य सरकार की तरफ से साफ तौर पर उसकी घोषणा नहीं की जाती.
अदालत ने अपने 2016 के आदेश में कहा था कि अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों और अदालतों के आसपास के कम से कम 100 मीटर के दायरे को शांत क्षेत्र में रखा जाए और इस आशय के लिये कोई स्पष्ट घोषणा की आवश्यकता नहीं है.
कुंबाकोनी ने साफ किया कि सरकार अदालत के आदेश को कमतर करने की कोशिश नहीं कर रही और वह काम चल जाने वाले समाधान पर प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हाई कोर्ट के आदेश का अगर सख्ती से पालन किया गया, तब मुंबई में ऐसी एक वर्ग इंच जमीन भी नहीं बचेगी जो शांत क्षेत्र नहीं हो.’’ इस पर न्यायमूर्ति ओका ने पूछा, ‘‘राज्य सरकार इस बात को लेकर इतनी उत्तेजित क्यों है कि किसी को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिली? सरकार लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत देने की इतनी इच्छुक क्यों है?’’