नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में जीएसटी यानी एक टैक्स की व्यवस्था पहले से चल रही है. वहां और भारत में अंतर ये है कि ज्यादातर विकसित देशों में जीएसटी का सिर्फ एक रेट है जबकि भारत में इसके चार स्लैब तय किए गए हैं.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एबीपी न्यूज के कार्यक्रम जीएसटी सम्मेलन में बताया कि आखिर भारत में जीएसटी का एक रेट रखना क्यों मुश्किल है. वित्त मंत्री जेटली के मुताबिक इस देश में एक रेट रखना अनुचित होगा, चप्पल और मर्सिडीज पर एक रेट कैसे हो सकता है.


देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली को चप्पल और मर्सिडीज का उदाहरण इसलिए देना पड़ा क्योंकि जीएसटी की अलग अलग दरों को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. भारत में फिलहाल जीएसटी के 4 स्लैब तय किए गए हैं अलग अलग चीजों पर 5%, 12%, 18% और 28% के हिसाब से टैक्स लगेगा.


फिलहाल दुनिया के 165 देशों में पहले से जीएसटी की व्यवस्था मौजूद है इसमें से 43 ऐसे हैं जहां जीएसटी का सिर्फ एक रेट है. जैसे ऑस्ट्रेलिया में 10%,  डेनमार्क में 25%, इजरायल में 17%, कोरिया में 10% और न्यूजीलैंड में 15% दर है.


यानी इन देशों में सभी चीजों पर एक समान टैक्स है. वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था में ऐसा करना संभव नहीं है हालांकि वित्त मंत्री ने इस बात के भी संकेत दिए कि समय के साथ अलग-अलग चीजों के लिए तय जीएसटी के रेट में बदलाव किए जा सकते हैं.