नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर समाज में सामाजिक और नैतिक मूल्यों को समझाने वाली हिमांशी ने आखिर यमुना नदी में कूदकर जान क्यों दी? यह एक पहेली बनी हुई है. जहां पुलिस एक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह दावा कर रही है कि हिमांशी ने आत्महत्या की है, तो वहीं अपनी बेटी की मौत से सदमे में आए परिजन फिलहाल इतनी ही बात कह रहे हैं कि उनकी बेटी इतनी कमजोर नहीं थी, जो आत्महत्या कर ले. इस पूरी घटना के पीछे जरूर कोई है, जिसने हिमांशी को आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया है और जल्द ही हिमांशी के परिजन अपनी पूरी बात मीडिया के सामने रखेंगे.


क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार 24 जून को वेस्ट संत नगर बुराड़ी में रहने वाले लवेश गांधी ने अपनी बेटी हिमांशी की मिसिंग रिपोर्ट बुराड़ी थाने में दर्ज करवाई थी उन्होंने बताया था कि हिमांशु सुबह के समय विजयनगर गई थी जहां पर उसने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर एक कैफे की शुरूआत की थी उस दिन कैसे कैसे का पहले दिन था अपरा अपराह्न लगभग 4:00 बजे हिमांशी के दोस्त आयुष ने फोन करके हिमांशी की मां को इतना बताया कि आंटी हिमांशी गुस्से में यहां से निकली है हम उसे ढूंढ रहे हैं लेकिन वह हमें नहीं मिली है उसका फोन भी नॉट रिकेबल जा रहा है जब रात तक हिमांशी घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने बुराड़ी थाने पुलिस को यह सारी बात बताई जिसके बाद पुलिस ने मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कर ली. 


अगले दिन सिविल लाइन इलाके में यमुना नदी में मिला हिमांशी का शव
पुलिस का कहना है कि हिमांशी की तलाश शुरू की गई. इस बीच अगले दिन यानी 25 जून को सूचना मिली कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आने वाली यमुना नदी के अंदर एक युवती का शव मिला है. बुराड़ी थाना पुलिस ने हिमांशी के परिजनों को इस संबंध में जानकारी दी और उन्हें अपने साथ शव ग्रह लेकर गए. परिजनों ने शव की पहचान हिमांशी के रूप में की.


सीसीटीवी फुटेज में सिग्नेचर ब्रिज से यमुना नदी में कूदती दिखी हिमांशी
पुलिस ने जब इस मामले की जांच और गहराई से की तो सिग्नेचर ब्रिज पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई. फुटेज में पाया गया कि 24 जून की दोपहर लगभग 3:30 बजे के आसपास हिमांशी सिगनेचर ब्रिज से यमुना नदी में कूदती दिख रही है. पुलिस का कहना है कि फुटेज में नजर आ रहा है कि हिमांशी पहले रेलिंग के ऊपर चढ़कर नीचे कूदना चाह रही थी, लेकिन वह जब रेलिंग पर नहीं चढ़ पाई तो वह रेलिंग के बीच में घुसी और फिर यमुना नदी में छलांग लगा दी. प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लग रहा है. 


शव का पोस्टमार्टम करवा दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने पर ही यह स्पष्ट हो पाएगा की मृत्यु से पूर्व हिमांशी के साथ किसी प्रकार की शारीरिक प्रताड़ना की गई थी या नहीं. पुलिस का कहना है कि हिमांशी का जो सामान था, वह भी नहीं मिला है जैसे उसका पर्स, मोबाइल आदि. उसकी भी तलाश की जा रही है.


परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी बहादुर थी, आत्महत्या जैसा कायराना कदम नहीं उठा सकती
हिमांशी के परिजन फिलहाल बेटी की मौत के सदमे में है. उनसे जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे अभी इस हालत में नहीं है कि अपनी बात को उचित तरीके से मीडिया के सामने रख पाए. उन्होंने कहा कि हमारी बेटी बहादुर और मजबूत दिल वाली लड़की थी. वह आत्महत्या जैसा कायराना कदम नहीं उठा सकती. हमने पुलिस को भी यह बताया है कि इस पूरी घटना के पीछे जरूर कोई व्यक्ति है, जिसने हमारी बेटी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया. हिमांशी की मां का कहना है कि 24 जून को हिमांशी मेरे और मेरे पति के पैर छूकर आशीर्वाद लेकर घर से निकली थी. उसने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर विजयनगर, जो नॉर्थ कैंपस के पास पड़ता है, एक कैफे की शुरुआत की थी. 


फिलहाल कैफे हफ्ते - 10 दिन के लिए ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाना था. अगर कैफे का रेस्पोंस अच्छा मिलता तो ये लोग कैफे को पूरी तरीके चलाते, लेकिन हैरानी की बात यह है कि सुबह घर से हंसी खुशी निकली हिमांशी अचानक से दोपहर बाद आत्महत्या जैसा कदम कैसे उठा सकती है. हिमांशी की मां का कहना है कि उनके पास 24 तारीख की दोपहर लगभग  3:30 से 4 बजे के बीच आयुष का फोन आया था. आयुष हिमांशी का दोस्त है. हिमांशी आयुष और उसके दो अन्य दोस्तों के साथ मिलकर ही कैफे शुरू करना चाह रही थी. 


आयुष ने बताया कि आंटी हिमांशी काफी गुस्से में यहां से गई है. किसी बात को लेकर हमारे बीच में झगड़ा हो गया था. हम उसे अलग-अलग जगह पर भी तलाश चुके हैं, लेकिन वह कहीं मिल नहीं रही है. क्या वह घर आई है? हिमांशी की मां का कहना है कि हमें शक है कि जरूर उस दिन कैफे में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से हिमांशी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है. हमने पुलिस के सामने भी यह शक जाहिर किया है. अभी हम काफी सदमे में हैं और अभी तक हमने हिमांशी की अस्थियां भी विसर्जित नहीं की है. इसलिए अभी हम ज्यादा बात नहीं कर पाएंगे.