झारखंड और बिहार की राजनीति में इस समय उथल-पुथल मची हुई है. दोनों राज्यों की सत्ता में बड़ा बदलाव हुआ है. झारखंड में सोमवार (5 फरवरी, 2024) को फ्लोर टेस्ट होना है, जबकि बिहार में 11 फरवरी को नीतीश कुमार सरकार फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी. इस बीच तेलंगाना का हैदराबाद काफी चर्चाओं में है. दरअसल, दोनों राज्यों के विधायकों को यहीं के होटल में ठहराने का इंतजाम किया गया. हालांकि, आधिकारिक तौर पर कहा गया कि विधायक तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी से मिलने के लिए हैदराबाद आए हैं.
रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और गठबंधन के विधायक हैदराबाद के होटल से रवाना हुए. उनके निकलते ही बिहार कांग्रेस के विधायक हैदराबाज पहुंच गए हैं और उन्हें सिरी नेचर्स वैली रिजॉर्ट में ठहराया गया है. विधायकों के लिए होटल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. 24 घंटे होटल के बाहर पुलिस तैनात है. बताया जा रहा है कि 11 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले विधायकों को बिहार ले जाया जाएगा.
झारखंड में आज चंपई सोरेन सरकार का फ्लोर टेस्ट
जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन के करीबी चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सोमवार को चंपई सोरेन सरकार के लिए बड़ा दिन है. आज उन्हें फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा. झारखंड में महागठबंधन की सरकार है, जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, आरजेडी के एक और सीपीआई(एमएल) का एक विधायक शामिल है. इनकी कुल संख्या 48 है और सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है. ऐसे में विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया ताकि किसी से उनका कोई संपर्क ना हो और चंपई सोरेन सरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में पास हो जाए.
सूत्रों के अनुसार, हैदराबाद में इन विधायकों को लियोनिया रिजॉर्ट में ठहराया गया था. तेलंगााना के मंत्रियों और तेलंगाना कांग्रेस के प्रभारी पर विधायकों को एयरपोर्ट से रिजॉर्ट तक ले जाने और उनकी पूरी सुरक्षा की खास जिम्मेदारी दी गई थी. होटल में उनके आने-जाने वाले गेट पर 24X7 तगड़ी सिक्टयोरिटी लगाई गई थी. इसके अलावा, होटल में खाने के लिए अलग डाइनिंग अरेंजमेंट किया गया था ताकि होटल में दूसरे लोगों से उनका कोई संपर्क ना हो.
कब तक हैदराबाद में रहेंगे बिहार कांग्रेस के विधायक
28 जनवरी को नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ सरकार बना ली. अब 12 फरवरी को नीतीश कुमार सरकार का विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन है. हालांकि, जेडीयू-बीजेपी गठबंधन के पास बहुमत से 6 विधायक ज्यादा हैं, लेकिन अगर कांग्रेस के विधायक बीजेपी में चले जाते हैं तो इससे विपक्ष के मनोबल पर असर पड़ेगा.
विधायकों के टूटने की आशंका के चलते उन्हें हैदराबाद के सिरी नेचर्स वैली रिजॉर्ट में ठहराया गया है. फिलहाल, कांग्रेस के 19 में से 16 विधायक यहां पहुंचे हैं. सिद्धार्थ सौरव, बिक्रम और अबीदुर रहमान नहीं गए हैं. तेलंगाना में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में दमदार जीत हासिल की थी और यहां पार्टी मजबूत स्थिति में है. शायद इसीलिए कांग्रेस ने विधायकों के लिए हैदराबाद को चुना है.
विधायकों को लेकर तेलंगाना की राजनीति में भी बवाल
झारखंड और बिहार के विधायकों के हैदराबाद में ठहरने को लेकर तेलंगाना की राजनीति में भी हलचल मच गई है. बीजेपी विधायक रचना रेड्डी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के धन को दूसरे राज्यों के कांग्रेस विधायकों की प्रोटेक्शन में खर्च किया जा रहा है. इस पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि रिजॉर्ट का खर्च कांग्रेस उठा रही है. इतना ही नहीं जेएमएम और गठबंधन के विधायकों के लिए भी कांग्रेस की तरफ से पैसा दिया गया था.
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