एक्सप्लोरर

जापान: ऐसे क्यों पैदा हुए हालात, टोक्यो से बाहर जाने के लिए सरकार को ऑफर करना पड़ रहा है 6 लाख रुपये

टोक्यो के जनसंख्या घनत्व को कम करने के लिए यहां के लोगों को देश के कम लोकप्रिय हिस्सों में भेजा जाएगा. इससे वे छोटे शहरों में नया जीवन शुरू कर सकेंगे.

जापान की सरकार अपने देश में रह रहे नागरिकों को देश का एक शहर टोक्यो को छोड़ने के लिए एक मिलियन येन दे रहे हैं. यानी अगर उस शहर में रह रहा परिवार कहीं और बसने को राजी होता है तो सरकार की तरफ से उन्हें 6 लाख 22 हज़ार रुपये दिए जाएंगे. 

दरअसल, जापान की राजधानी टोक्यो में लोगों की आबादी क्षमता से ज्यादा हो गई है. यही कारण है कि वहां की सरकार चाहती है कि टोक्यो से कुछ लोगों का विस्थापन हो और वह आस-पास के शहरों में भी बसें.

द गार्जियन के अनुसार जो भी परिवार इस योजना को लेने योग्य हैं उसे वित्तीय वर्ष 2023 से आस-पास के इलाकों में बसने के लिए लगभग 6 लाख रुपये दिए जाएंगे.

इससे पहले स्थानांतरण शुल्क प्रोत्साहन साल 2019 में भी पेश किया गया था. जिसका एकमात्र उद्देश्य उन क्षेत्रों में बच्चों को बड़े होने के लिए प्रोत्साहित करना है, जहां जन्म दर कम रही है. 


जापान: ऐसे क्यों पैदा हुए हालात, टोक्यो से बाहर जाने के लिए सरकार को ऑफर करना पड़ रहा है 6 लाख रुपये

इस योजना को एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है. जिसके तहत जापान की सरकार लोगों को छोटे शहरों और गांवों की ओर ले जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

द गार्जियन ने जापानी मीडिया के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि जापान की सरकार चाहती है कि उनके  इस पहल से देश की अविकसित इलाकों में भी लोग रहना शुरु करें और उसे भी विकास के राह पर लाया जा सके. 

इस योजना से जहां एक तरफ टोक्यों के जनसंख्या घनत्व कम होगा वहीं दूसरी तरफ विस्थापित परिवार छोटे शहरों में नया जीवन शुरू कर पाएंगे.

इतनी जनसंख्या बढ़ी कैसे 

रिपोर्ट्स के अनुसार जापान फिलहाल जापान के पास सबसे बड़ी चुनौती यहां बढ़ रहे जनसंख्या को काबू में करना है. लेकिन इस बीच सवाल ये भी उठता है कि इसी शहर में इतने लोग क्यों बसना चाहते हैं और इतनी आबादी बढ़ी कैसे? 

दरअसल जापान में पूंजीवाद को खूब बढ़ावा मिला. इस देश में शहरीकरण हुआ. एक तरफ इस शहर का बर्थ रेट कम होत गया तो वहीं दूसरी तरफ लाइफ एक्सपेक्टेंसी ज्यादा होता गया. देश के कोने कोने से युवा वर्ग अवसर का तलाश में शहर की ओर जाने लगे जिससे जापान का गांव खाली होने लगा. जैसे जैसे गांवों में आबादी कम होती गई यहां टैक्स कलेक्शन भी घटता चला गया. 

अब जापान की सरकार चाहती है कि शहरों के इतर विकासशील या कम विकसित शहरों को आबाद किया जाए. जिससे वहां आर्थिक तरक्की हो सके. 


जापान: ऐसे क्यों पैदा हुए हालात, टोक्यो से बाहर जाने के लिए सरकार को ऑफर करना पड़ रहा है 6 लाख रुपये

2019 में की गई थी पहल की शुरुआत 

अंतरराष्ट्रीय मीडिया की माने तो जापान की सरकार ने इस पहल को साल 2019 में पहली बार शुरू की थी. जिसके तहत जो टोक्यो महानगरीय इलाके में पिछले पांच साल से रह परिवार अगर विकासशील इलाके में बसना चाहे तो उन्हें बढ़ावा दिया जाता है.

इस स्कीम के तहत शहर से बाहरी इलाके में बसने वाले परिवारों को स्कीम के तहत वर्क-फ्रॉम-होम दिया जाता है ताकि उनकी नौकरी ना छूटे. इसके अलावा उन्हें बिजनेस शुरू करने के लिए ज़्यादा वित्तीय सहायता दिया जाता है. 

कोविड महामारी में कम हुई थी आबादी 

35 मिलियन का आबादी बाला शहर टोक्यो की आबादी पिछले साल कोविड महामारी के कारण कम हुई थी, लेकिन इतनी कम नहीं हुई कि सरकार को अपनी योजना में बदलाव करना पड़े. सरकार का मानना है कि इस तरह का कदम लोगों को देश के "अनफैशनेबल" हिस्सों में रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक है. 

क्या है सरकार का लक्ष्य

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में 1,184 परिवारों को पुनर्वास सहायता प्राप्त हुई. प्रोत्साहन कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले परिवारों की संख्या 2019 में 71 और 2020 में 290 थी. सरकार का लक्ष्य 2027 तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित परिवारों की संख्या को बढ़ाकर 10,000 करना है. 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget