SOUNDSTORM 2022 News: सऊदी अरब (Saudi Arabia) एक बार फिर दुनिया के सबसे बड़े संगीत समारोहों में से एक की मेजबानी कर रहा है. इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक, चकाचौंध कर देने वाली रौशनी और मिश्रित नस्ल के हजारों चेहरे सऊदी अरब की इस नई पैर जमाती परंपरा का हिस्सा हैं. तीन साल पहले इस इवेंट का अस्तित्व नहीं था. 2019 में इस सालाना इवेंट की शुरुआत हुई थी. अब लगातार चौथी बार इसका आयोजन हो रहा है. इस बार का इवेंट गुरुवार (1 दिसंबर) को शुरू हुआ. सऊदी में इसे 'साउंडस्टॉर्म संगीत समारोह' के तौर पर जाना जाता है. 


ठंड में तीन दिवसीय समारोह में सऊदी अरब और क्षेत्र के हजारों लोग टॉप वेस्टर्न और अरब संगीत की धुनों को सुनने और थिरकने के लिए राजधानी रियाद के बाहर एक रेगिस्तान में जमा होते हैं. हालांकि, समारोह में शामिल होने के लिए टिकट लेना होता है, जिसके लिए अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है. पांच साल पहले सऊदी में ऐसे समारोह बैन थे. जानकार मानते हैं कि संगीत समारोहों से प्रतिबंध हटने के बाद से सऊदी ने इस मामले में दुबई को भी पीछे छोड़ दिया है, जो कि लंबे समय से खाड़ी क्षेत्र के प्रमुख मनोरंजन हब के रूप में जाना जाता है.


सऊदी अरब इस तरह के इवेंट की मेजबानी क्यों कर रहा है?


जहां इस्लाम का जन्म हुआ, वह सऊदी अरब इस तरह के इवेंट की मेजबानी क्यों कर रहा है? जानकार कई कारण मानते हैं. सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 से जब से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने किंगडम के रोजमर्रा के कामकाज को संभाला है तब से सऊदी बड़े बदलाव से गुजर रहा है. साउंडस्टोर्म इवेंट उन्हीं बदलावों में से एक है. 


रिपोर्ट में क्राइसिस ग्रुप थिंक टैंक की वरिष्ठ विश्लेषक एना जैकब्स के हवाले से लिखा गया है कि साउंडस्टॉर्म एक जबरदस्त उदाहरण है क्योंकि यह पूरे सऊदी अरब और दुनियाभर से युवाओं और महिलाओं को साथ लाना चाहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह समारोह क्राउन प्रिंस की ओर से उदारीकरण की पहल का हिस्सा है. उन्होंने महिलाओं को ड्राइविंग की आजादी देने और धार्मिक पुलिस पर लगाम लगाने समेत कई सामाजिक कदम उठाए हैं.


समारोह की मेजबानी का सबसे बड़ा कारण


संगीत समारोह का सबसे बड़ा कारण 2016 में स्थापित की गई एंटरटेनमेंट अथॉरिटी है, जिसकी स्थापना 'विजन 2030' के तहत की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अर्थव्यवस्था तेल पर ही निर्भर न रहे, इसके लिए और विकल्प तैयार हों, इसी नजरिये से ऐसे कार्यक्रमों को शुरू किया गया. अभी सऊदी के राजस्व का आधा हिस्सा तेल से आता है. 


इसी के साथ विजन 2030 के लक्ष्यों में सांस्कृतिक और मनोरंजन गतिविधियों पर घरेलू खर्च को लगभग दोगुना करना शामिल है. अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, रियाद अब एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में 64 बिलियन डॉलर निवेश करने की योजना बना रहा है, जिसका एक अहम हिस्सा लाइव संगीत उद्योग है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी विजन 2030 के तहत विश्व स्तरीय मनोरंजन की पेशकश पर गौरवान्वित है और इसके तहत देश में 3,800 मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन कर चुका है, जिनमें 80 मिलियन (8 करोड़) से ज्यादा लोगों ने भाग लिया है.


क्राउन प्रिंस का युवा आबादी पर फोकस?


सऊदी लेखक और विश्लेषक अली शिहाबी के हवाले से लिखा गया है कि इस तरह के उत्सवों की अनुमति देने का पूरा सिद्धांत यह है कि युवाओं को घरेलू मनोरंजन और स्थानीय पर्यटन के अवसर उपलब्ध हों और मौज-मस्ती की तलाश में उन्हें विदेश यात्रा करने की जरूरत न पड़े. वह कहते हैं कि कुछ रूढ़िवादियों के यह अटपटा लग सकता है लेकिन सऊदी में युवा आबादी सबसे ज्यादा है, इसलिए वे प्राथमिक लाभार्थी हैं.


सऊदी जनरल अथॉरिटी फॉर स्टेटिस्टिक्स के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की लगभग दो-तिहाई आबादी 34 वर्ष या उससे कम उम्र की है. जानकार मानते हैं कि क्राउन प्रिंस को युवाओं को खुश रखने की जरूरत ज्यादा है बजाय रूढ़िवादियों के. रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी में शराब, पुरुषों के बीच समलैंगिक संबंध और अविवाहित जोड़ों के यौन संबंध पर अब भी प्रतिबंध है.


ह्यूमन राइट्स वॉच की नजर में सऊदी का संगीत समारोह


मानवाधिकार के एंगल से सऊदी के इस संगीत समारोह की आलोचना भी होती है. पिछले साल ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने कहा था कि कलाकारों को या तो सऊदी अरब के मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में बोलना चाहिए या समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए. 


ह्यूमन राइट्स वॉच के एक शोधकर्ता जॉय शिया के मुताबिक, देश के घृणास्पद मानवाधिकार रिकॉर्ड को सफेद करने के लिए बड़े पैमाने पर मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानबूझकर मेजबानी कर अरबों डॉलर खर्च किए गए हैं और साउंडस्टॉर्म संगीत समारोह उससे अलग नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश के स्थानीय मनोरंजन जगत का निर्माण असंतुष्टों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सामान्य सऊदी नागरिकों की मनमानी से की गई गिरफ्तारियों के साथ हुआ था. शिहाबी इस तर्क के खिलाफ हैं, उनके मुताबिक, सऊदी को किसी भी वैश्विक छवि से बहुत कम लेना-देना है और यह विशुद्ध रूप से स्थानीय जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित है.


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