नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतम यात्रा राजकीय सम्मान के साथ उनके आवास से बीजेपी मुख्यालय की तरफ कूच कर चुकी है. उनकी अंतिम यात्रा में पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर एक तोप-गाड़ी (गन-कैरेज) में रख कर कर बीजेपी मुख्यालाय ले जाया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर तिरंगे लेपेटा गया है. अटल बिहारी वाजपेयी की इस अंतिम यात्रा को भव्य बनाने का पूरा इंतजाम किया गया है. इस यात्रा की पूरी जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय के सेरेमोनियल विंग की तरफ से निभाई जा रही है.



पूर्व प्रधानमंत्री की इस अंतिम यात्रा को 15-हंडरवेट सैनिक हथियार-गाड़ी के साथ गन कैरेज को जोड़ा गया है. हथियार-गाड़ी के साथ गन-कैरेज को जोड़ा गया है जिस पर एक कांच का फ्रेम लगाया गया है. इस फ्रेम के अंदर अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर रहा गया है ताकी सभी उनकी इस अंतिम यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम दर्शन कर सकें. इस तरह का सम्मान देश के विभिन्न राजनेताओं के निधन पर दिया जा चुका है. सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के निधन पर उनकी शवयात्रा तोपगाड़ी पर निकाली गई थी.



गन-कैरेज में रख पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा के लिए रवाना करने की परंपरा की शुरूआत ब्रीटेन में की गई थी. 19वीं सदी में ब्रीटेन में क्वीन विक्योरिया की शवयात्रा के दौरान इस परंपरा की शुरूआत की गई थी. क्वीन विक्योरिया की अंतिम यात्रा को तब घोड़ों ने खिंचा था. बाद में इस सम्मान को सैनिकों द्वारा पूरा किया गया. महात्मा गांधी की शवयात्रा के दौरान गन-कैरेज में रखे उनके पार्थिव शरीर को जवानों की तरफ से खींचा गया था.