पश्चिम बंगाल के नए सरकारी कैलेंडर पर बवाल, शुभेंदु अधिकारी का दावा-' शब-ए-बारात पर छुट्टी, लेकिन...'
Suvendhu Adhikari Targets TMC: शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के सरकारी कैलेंडर में मकर संक्रांति और रामनवमी की छुट्टी नहीं है.
West Bengal Holiday Calendar: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने तुष्टिकरण के चलते 'शब-ए-बारात' के दिन छुट्टी की घोषणा की है, लेकिन मकर संक्रांति और रामनवमी की नहीं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स अपनी एक पोस्ट में अधिकारी ने लिखा, "तुष्टिकरण की राजनीति की रानी ममता बनर्जी ने एक फिर स्ट्राइक की है और शब-ए-बारात को ऑप्शनल हॉलिडे की कैटेगरी में रखा है, जबकि पाकिस्तान में भी शब-ए-बारात के लिए कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है."
शेयर किया पाकिस्तान का कैलेंडर
बीजेपी नेता ने कहा कि इस बार शब-ए-बारात रविवार को मनाई जा रही है और सोमवार को छुट्टी चुनने का कोई अतिरिक्त विकल्प नहीं है. इसके बावजूद शब-ए-बारात को ऑप्शनल हॉलिडे की कैटेगरी में रखा गया है. उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति और रामनवमी के लिए कोई सार्वजनिक छुट्टी नहीं है. इतना ही अधिकारी ने अपनी पोस्ट में पश्चिम बंगाल और पाकिस्तान के सरकारी कैलेंडर भी शेयर किए हैं.
The Queen of Appeasement Politics - Mamata Banerjee, strikes again.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 15, 2024
Govt of WB Calendar; List of Holidays:
❌ Monday, 15 Jan, 2024 - Makar Sankranti. No Holiday.
❌ Wednesday, 17 Apr, 2024 - Shree Ram Navami. No Holiday.
🟢 Shab-e-Barat - Sunday, 25 Feb, 2024
Holiday 🔽… pic.twitter.com/gJRX0FvS3c
टीएमसी ने दिया जवाब
टीएमसी के प्रवक्ता ने जय प्रकाश मजूमदार ने शुभेंदु अधिकारी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. मजूमदार ने कहा, "भारत में कई धार्मिक रीति-रिवाज हैं. सभी रिवाजों को सभी राज्यों में समान तरीके से नहीं मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ के दौरान छुट्टी घोषित की जाती है, लेकिन अन्य राज्यों में छठ की छुट्टी नहीं होती है.
'शुभेंदु अधिकारी में रीति-रिवाज का ज्ञान कम'
द इंडिया एक्सप्रेस के मुताबिक मजूमदार ने कहा कि क्या यह तुष्टिकरण की राजनीति है? शुभेंदु अधिकारी ने धार्मिक रीति-रिवाज के ज्ञान की कमी के कारण ऐसा कहा है. इसलिए लोगों को इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.