Kanwar Yatra Nameplate Row: नेम प्लेट आदेश पर कोर्ट जाएगा जमीयत उलेमा ए हिंद! दिल्ली में बुलाई बड़ी बैठक
Kanwar Yatra: यूपी सरकार के नेम प्लेट वाले आदेश को चुनौती देते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद कोर्ट का रुख करेगा. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस आदेश को नफरती बताया है.
Kanwar Yatra Nameplate Row: सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेम प्लेट वाले आदेश पर हर गुजरते दिन के साथ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इस कड़ी में अब जमीयत उलेमा ए हिंद ने फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है. जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा कि इस फरमान को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी क्योंकि धर्म की आड़ में नफरत की राजनीति की जा रही है.
कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) से जुड़े इस आदेश को भेदभावपूर्ण और सांप्रद्रायिक बताते हुए सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने की बात भी कही गई है. रविवार (21 जुलाई) को जमीयत उलेमा ए हिंद ने इस संबंध में अहम बैठक बुलाई है. जमीयत का यह भी कहना है कि उसकी कानूनी टीम इस आदेश के कानूनी पहलुओं पर विचार करने में जुटी है.
'मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा'
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema e Hind) ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश की आलोचना करते हुए शनिवार (20 जुलाई) को कहा कि यह 'भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक' फैसला है तथा इससे संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हनन होता है. बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश के कुछ दिन बाद शुक्रवार (19 जुलाई) को उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य के लिए ऐसा ही आदेश जारी करने का फैसला किया.
क्या बोले मौलाना अरशद मदनी?
जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, 'यह एक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक फैसला है. इस फैसले से देश विरोधी तत्वों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा और इस नए आदेश के कारण सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर क्षति पहुंचने की आशंका है.' मदनी ने यह भी कहा, 'देश के सभी नागरिकों को संविधान में इस बात की पूरी आजादी दी गई है कि वे जो चाहें पहनें, जो चाहें खाएं, उनकी व्यक्तिगत पसंद में कोई बाधा नहीं डालेगा, क्योंकि यह नागरिकों के मौलिक अधिकार के विषय हैं.' उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा संबधी आदेश मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला है.
मध्य प्रदेश में भी लागू करने की मांग
एक तरफ जहां नेम प्लेट विवाद गहराता जा रहा है वहीं दूसरी ओर इस आदेश को मध्य प्रदेश में भी लागू करने की मांग की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी ऐसा कदम उठाया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर फल विक्रेताओं को अपनी दुकानों पर नाम लिखने के लिए कहे जाने में उन्हें कुछ भी गलत नहीं लगता है.