‘क्रिसमस की छुट्टी’ को लेकर ममता का मोदी सरकार पर हमला, कहा- ‘देश में चल रही है धार्मिक नफरत की राजनीति’
ममता बनर्जी ने कहा- ईसाई समुदाय ने आखिर ऐसा क्या किया है? क्या भारत में सेक्युलरिज्म है? मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि भारत में ठेठ धार्मिक नफरत की राजनीति चल रही है. बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच वार पलटवार और तेज हो गया है. अब एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने ‘क्रिसमस की छुट्टी’ को मुद्दा बना दिया है. ममता ने क्रिसमस के दिन राष्ट्रीय अवकाश नहीं होने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
राजधानी कोलकाता के एलन पार्क में क्रिसमस कार्निवल का उद्घाटन करने के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘’आखिर क्यों जिसस क्राइस्ट (Jesus Christ) के बर्ड डे पर राष्ट्रीय अवकाश नहीं होता है? ईसाई समुदाय ने आखिर ऐसा क्या किया है? क्या भारत में सेक्युलरिज्म है? मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि भारत में ठेठ धार्मिक नफरत की राजनीति चल रही है.’’
Why Jesus Christ's birthday can't be a national holiday? Why BJP govt has withdrawn it? Everybody has sentiments. What harm have Christians done? Is there secularism in India? I am sorry to say, a typical religious hatred politics is going on: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/psY2NFHbX4
— ANI (@ANI) December 21, 2020
बंगाल के विकास पर अमित शाह की बातें ‘झूठ का पुलिंदा’- ममता
इस दौरान ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर राज्य के विकास के संदर्भ में झूठ बोलने का आरोप लगाया और राज्य की स्थिति पर शाह द्वारा दिए गए आंकड़ों को “झूठ का पुलिंदा” करार दिया. ममता ने कहा कि वह 28 दिसंबर को बीरभूम जिले में एक आधिकारिक बैठक के लिए जाएंगी और अगले दिन एक रोड शो करेंगी.
इससे पहले बोलपुर में अमित शाह ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर काम करने में नाकामी का आरोप लगाया था और कहा था कि पश्चिम बंगाल कई मामलों में देश के अधिकतर राज्यों से पिछड़ा है, वहीं भ्रष्टाचार और जबरन वसूली में आगे है. ममता ने कहा है कि शाह ने जो कुछ कहा, उसे खारिज करने के लिए उनके पास प्रमाण हैं.
टैगोर का कोई अपमान नहीं सहूंगी- ममता बनर्जी
ममता ने कहा कि वह रबींद्रनाथ टैगोर का कोई अपमान नहीं सहेंगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान के रूप में ‘जन गण मन’ पर सवाल कर रहे लोगों को जानना चाहिए कि ‘यह देश की मिट्टी का सम्मान है.’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी को लगता है कि वे अपना धर्म दूसरों पर थोपेंगे तो मैं अपना खून बहाने को तैयार हूं लेकिन ऐसी कोई चीज नहीं होने दूंगी जिससे राष्ट्रगान या रबींद्रनाथ, विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, गांधीजी, आंबेडकर, बिरसा मुंडा का अपमान होता है. ये लोग देश का गौरव हैं.’’
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