Kumar Mangalam Birla resigns: वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने बुधवार को अपनी बैठक में अरबपति कुमार मंगलम बिड़ला के गैर-कार्यकारी निदेशक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष पद छोड़ने के अनुरोध 4 अगस्त, 2021 को कामकाजी घंटों की समाप्ति से स्वीकार कर लिया. बिड़ला की तरफ से पद छोड़ने का फैसला ऐसे वक्त पर किया गया जब इससे पहले आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) में अपनी हिस्सेदारी सरकार या किसी ऐसी इकाई को सौंपने की पेशकश की है, जिसे सरकार समझती है कि वह कंपनी का परिचालन जारी रख सकती है.


Bloomberg Billionaire Index के मुताबिक, बुधवार तक कुमार मंगलम बिड़ला की कुल संपत्ति 11.5 बिलियन डॉलर है. हालांकि, उनके प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. इसकी जगह सरकार संकटग्रस्त दूरसंचार क्षेत्र को राहत पैकेज देने पर विचार कर रही है. वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा- “आज वोडाफोन आइडिया बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक हुई. कुमार मंगलम के पद से हटने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है.”


कुमार मंगलम बिड़ला के अनुसार, एजीआर देनदारी, स्पेक्ट्रम के भुगतान के लिए पर्याप्त समय की मोहलत तथा इन सबसे जरूरी, सेवाओं की दर न्यूनतम कीमत से ऊपर रखने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से निवेशक कंपनी में निवेश के इच्छुक नहीं हैं.


कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे पत्र में बिड़ला ने कहा था- 27 करोड़ भारतीय VIL से जुड़े हुए हैं. मैं कंपनी में अपनी हिस्सेदारी किसी भी इकाई-सार्वजनिक क्षेत्र/सरकार/घरेलू वित्तीय इकाई या किसी अन्य को सौंपने के लिए तैयार हूं, जिस पर सरकार विचार कर सकती है ताकि कंपनी को एक चालू रखा जा सके.


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वीआईएल के ऊपर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की कुल देनदारी 58,254 करोड़ रुपये है. इसमें से कंपनी 7,854.37 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है और उसपर अभी 50,399.63 करोड़ रुपये का बकाया है. वीआईएल और भारती एयरटेल ने एजीआर को लेकर सरकार की गणना में सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील की थी लेकिन उनकी अपील को खारिज कर दिया गया. बिड़ला की VIL में 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है.


बिड़ला ने यह पत्र सात जून को लिखा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जुलाई तक इन तीनों मुद्दों पर तत्काल सक्रिय सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में वीआईएल की वित्तीय हालत डूबने कगार पर पहुंच जाएगी, जिसको संभालना मुश्किल होगा.


जाहिर है एक अरब 40 करोड़ की मार्केट वाले देश में वोडाफोन आइडिया के खत्म होने से द्विअधिकार स्थापित हो जाएगा, जहां पर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो मार्केट लीडर के तौर पर होगी, जबकि सुनील भारती मित्तल की अगुवाई वाली भारती एयरटेल दूसरी बड़ी ऑपरेटर होगी.


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