महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और एनसीपी (NCP) नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं आखिर उनकी गिरफ्तारी की मुख्य वजह क्या है. दरअसल राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) और आतंकवाद के वित्तपोषण में संलिप्तता के आरोप लगे हैं. उन पर आरोप है कि वो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) से संबंधित जमीन डील से जुड़े रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) अंडरवर्ल्ड से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने हाल में अंडरवर्ल्ड के खिलाफ केस दर्ज कर कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. इस सिलसिले में कुछ हफ्ते पहले दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को भी दबोचा गया था.
नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के बीच लेनदेन?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सूत्रों के मुताबिक कुछ अहम सबूतों से जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) में मंत्री नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के बीच लेनदेन हुआ था. इससे पहले जांच एजेंसी की टीम ने एनसीपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक से पूछताछ की थी और जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पिछले चार महीनों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले मलिक दूसरे वरिष्ठ एनसीपी के नेता हैं. इससे पहले राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य कथित मामले में हिरासत में लिया गया था और फिर जेल में डाल दिया गया था.
नवाब मलिक के पास है इतनी संपत्ति
चुनाव आयोग को सौंपे अपने हलफनामे के मुताबिक नवाब मलिक के पास 37,07,396 रुपये की चल संपत्ति है. इसके अलावा कुछ पुश्तैनी जमीन और मुंबई में एक फ्लैट के साथ करीब 1,14,00,716 रुपये की अचल संपत्ति भी है. फिलहाल नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना और कांग्रेस ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताया है और कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
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