क्यों बढ़ सकती हैं केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कानूनी मुसीबतें?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में डॉ गोविंद सिंह ने याचिका लगाई थी, जिसमें राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्वाचन को चुनौती दी गयी थी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिराकर भाजपा की सरकार बनवाने के मुख्य शिल्पकार रहे. इसके बाद भाजपा में शामिल होकर राज्यसभा सदस्य भी बन गए और केंद्रीय मंत्री भी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें वही महकमा भी सौंपा जो कभी उनके पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व माधवराव सिंधिया संभालते थे- नागर विमानन मंत्रालय. लेकिन राज्यसभा में जाने के बाद अब उनकी कानूनी अड़चने बढ़ सकती हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा की सदस्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इसमें उनपर तथ्य छुपाने के आरोप हैं और हाईकोर्ट ने इस पर नोटिस भी जारी कर दिया है. यह याचिका दायर की है मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ गोविंद सिंह ने.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में डॉ गोविंद सिंह ने याचिका लगाई थी, जिसमें राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्वाचन को चुनौती दी गयी थी. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने याचिका में आरोप लगाया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के निर्वाचन के दौरान दाखिल किए गए नामांकन पत्र में कुछ तथ्य छिपाए हैं. इसी को आधार बनाते हुए सिंधिया के निर्वाचन को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा भी था, लेकिन अब वह कांग्रेस में नहीं हैं और भाजपा से राज्यसभा के सांसद चुने गए हैं. अपने नामांकन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उस मामले को छुपाया है, जो नियमों का साफ उल्लंघन है.
इस याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने अपनी ग्वालियर खंडपीठ की न्यायपीठ को भेज दिया. याचिका पर जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया का नाम शामिल है. ये सभी राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी थे जिनमें कांग्रेस से दिग्विजय सिंह तथा भाजपा से सिंधिया और सोलंकी राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. गोविंद सिंह ने इस पूरे मामले में उम्मीद जताई है कि कोर्ट ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा चुनाव को शून्य घोषित करेगा.