कहीं चूहे न खा लें नोट, MP का धनकुबेर सौरभ शर्मा कैश आते ही उसका क्या करता था, जानें
Saurabh Sharma: आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर से 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली थी. इसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी थी.
Saurabh Sharma: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर से ज्वेलरी और चांदी की ईंटे मिली थी. इसको लेकर लोकायुक्त को एक हैरान करने वाली जानकारी मिली है. लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार, सौरभ शर्मा नगदी की बजाय सोना और चांदी पर विश्वास करता था. वो अपनी नगदी को सोने या चांदी में बदल देता था. वो ये काम दोनों धातुओं पर निवेश के बदले मिलने वाले रिटर्न को लेकर करता था.
इसके अलावा सोने और चांदी के दामों में लगातार बढ़ोतरी होती है. वहीं, चांदी या सोना बार (ईंट) की शक्ल में हो तो उसपर मेकिंग चार्ज भी नहीं लगता है. इसी वजह से सौरभ के घर से चांदी ज्यादा मिली है. ये चांदी ईंटों के रूप में मिली है, जिस पर लेबर चार्ज भी नहीं देना होता है.
सौरभ को सता रहा था ये डर
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर से जो दस्तावेज मिलें हैं, उसमे करोड़ों का लेनदेन दर्ज है. इससे साफ है कि सौरभ के पास कैश फ्लो ज्यादा था. इसके अलावा इतनी ज्यादा नगदी रखने से उसे पैसे खराब होने का भी डर था. उसे डर था कि दीमक या चूहे उसके पैसे को कुतर सकते हैं. इसी वजह से वो इन पैसों से चांदी या सोने की ईंटें खरीद लेता था. इसकी लोकायुक्त ने हालांकि अधिकारिक पुष्टि नहीं की है. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में चांदी की ईंटों के मिलने पर यही तर्क दिया गया है.
234 Kg चांदी हुई थी बरामद
भ्रष्टाचार निरोधक लोकायुक्त पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर से 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली थी. इसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी थी. लोकायुक्त की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान ने सौरभ शर्मा से जुड़ी अन्य संपत्तियां बरामद करने के बाद इन्हें जब्त कर लिया है.
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के आवास और कार्यालय की तलाशी 18 और 19 दिसंबर को ली थी. सौरभ शर्मा के परिवार को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने कहा था कि सौरभ के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे. 2015 में उनकी मौत हो गई थी. अनुकंपा के आधार पर उसे 2015 में राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति मिली थी. इसके बाद 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी.