Niti Aayog Meeting: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार (27 जुलाई 2024) को दिल्ली में हुई नीति आयोग गवर्निंस काउंसिलग की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई. विपक्षी इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल भाकपा (माले) ने दावा किया कि केंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने से इंकार कर दिया और इसी शर्मिंदगी से बचने के लिए वे नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए.


बैठक में शामिल नहीं होने पर JDU ने साधी चुप्पी


भाकपा (माले) ने विशेष पैकेज पर भ्रामक दावों के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की आलोचना की और अगले महीने विरोध मार्च निकालने की घोषणा की. दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं ने चुप्पी साधे रखी. मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्य झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए पटना में पार्टी की बैठक की. 


भाकपा (माले) का ने नीतीश कुमार को लेकर किया दावा


बिहार विधानसभा में भाकपा (माले) के नेता महबूब आलम ने कहा, ‘‘मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र सरकार के इनकार के कारण मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए.’’ लोकसभा चुनावों के बाद जदयू ने एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की थी, जिसमें विशेष दर्जे की नयी मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया था. लोकसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत से चूक गई थी और सहयोगी दलों पर बहुत अधिक निर्भर हो गई है.


नीति आयोग की बैठक में बिहार, केरल समेत 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए. बैठक में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और लेफ्टिनेंट गवर्नर और अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में गांवों में गरीबी को शून्य स्तर पर लाने यानी इससे पूरी तरह समाप्त करने के विचार पर गहन चर्चा हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में विकसित भारत के लिए प्राथमिकता के आधार पर गरीबी को खत्म करने का सुझाव दिया.


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