नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पूछा कि क्यों न तंबाकू को चबाने पर बैन लगा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इस तरह का कदम गुटखा और पान मसाला से पैदा होने वाली समस्या को खत्म कर देगा. कोर्ट अदालत ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से पूछा कि क्या इस तरह का कदम केंद्र या किसी राज्य सरकार ने उठाया है.


जहां गुटखा एक हल्का उत्तेजक पदार्थ है, जो सुपारी, तंबाकू और अन्य मादक वस्तुओं का बना होता है. वहीं पान मसाला पान की पत्ती के साथ चूना, सुपारी और दूसरी चीजों का मिश्रण है. जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा, ‘‘क्या आपने इसे प्रतिबंधित करने पर विचार किया है. अगर आप कहते हैं कि तंबाकू हानिकारक है, तो क्या किसी ने इसपर प्रतिबंध लगाया है. आप जानते हैं कि अगर आप इसपर प्रतिबंध लगाते हैं तो पूरी समस्या समाप्त होगी.’’


एफएसएसएआई का प्रतिनिधित्व वकील एम प्राचा ने किया. उन्होंने कहा कि तंबाकू को चबाने पर अलग से प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गुटखा पर प्रतिबंध लगाने वाली अधिसूचना इस पहलू को भी कवर करती है. वकील ने कहा कि हालांकि प्रतिबंध को लागू नहीं किया जा रहा है.


कोर्ट ने दूसरी तरफ कहा कि अधिसूचना सिर्फ किसी भी खाद्य वस्तु या पान मसाला और प्रतिबंधित गुटखा के साथ चबाने वाले तंबाकू को मिलाने पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित लगती है. एफएसएसएआई ने टिप्पणी से सहमति नहीं जताई और कहा कि तंबाकू चबाना असुरक्षित खाद्य पदार्थ है और इसकी बिक्री दंडात्मक प्रावधानों को आकषिर्त करेगी.