PM मोदी की लक्षद्वीप की तस्वीरें 754 KM दूर मालदीव के लिए क्यों बन जाएंगी मुसीबत, जानें
2023 में भारत मालदीव में पर्यटकों के आगमन के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा है. भारत से पिछले साल करीब 209,198 पर्यटकों मालदीव पहुंचे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में लक्षद्वीप दौरे पर पहुंचे थे. पीएम मोदी ने गुरुवार को लक्षद्वीप दौरे की कुछ तस्वीरें शेयर कीं. इन तस्वीरों में वे स्नॉर्कलिंग और मॉर्निंग वॉक करते नजर आ रहे हैं. पीएम मोदी ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए भारतीयों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग अपने अंदर के रोमांच को अपनाना चाहते हैं, उनके लिए लक्षद्वीप आपकी लिस्ट में होना चाहिए. पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद लक्षद्वीप से करीब 754 KM दूर स्थित देश मालदीव सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है. यूजर्स पीएम मोदी के इस कदम को मालदीव के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं. आईए जानते हैं कि आखिर लोग ऐसा दावा क्यों कर रहे हैं?
For those who wish to embrace the adventurer in them, Lakshadweep has to be on your list.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2024
During my stay, I also tried snorkelling - what an exhilarating experience it was! pic.twitter.com/rikUTGlFN7
सोशल मीडिया पर क्या लिख रहे लोग?
- पीएम मोदी की इस विजिट को लेकर एक यूजर ने लिखा, पीएम मोदी भारत के विभिन्न स्थानों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन एंबेसडर हैं. लेकिन मेरा मन कहता है यह भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने से कहीं अधिक यह मालदीव पर हमला है, जो चीनी कठपुतली बन गया है. मालदीव का नुकसान लक्षद्वीप का लाभ है. रणनीतिक रूप से सोचें!
- वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, इस हमले के बाद मालदीव का पर्यटन खत्म. मालदीव की 5 लाख की आबादी पर्यटन से एक तिहाई कमाई करती है.
- विक्रम प्रताप सिंह नाम के यूजर ने लिखा, लक्षद्वीप का पर्यटन अब उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा. एक और मास्टरस्ट्रोक का सबसे ज्यादा असर मालदीव पर पड़ेगा क्योंकि मालदीव चीन की ओर काफी झुकाव दिखा रहा है. कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरों के साथ मोदी की एक यात्रा और बस इतना ही...
मालदीव और पर्यटन
- मालदीव हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है. छुट्टियां मनाने या घूमने के लिहाज से मालदीव दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में से एक है. छोटे छोटे द्वीपों वाला ये देश अपनी सुंदरता और समुद्र से घिरे होने की वजह से पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है. यह द्वीपीय देश इतना खूबसूरत है कि यहां बड़े से बड़े सेलिब्रिटीज भी छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं. भारत से भी लाखों की संख्या में लोग घूमने के लिए मालदीव जाते हैं. यह अन्य देशों की तुलना में भारतीयों के लिए सस्ता टूरिस्ट डेस्टिनेशन है.
- corporate maldives की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में जो आंकड़े जारी किए थे, उनके मुताबिक 2023 में भारत मालदीव में पर्यटकों के आगमन के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा है. भारत से पिछले साल करीब 209,198 पर्यटकों मालदीव पहुंचे. वहीं, 2022 में 241,369 भारतीय यात्रियों ने मालदीव की यात्रा की थी.
- पर्यटन मालदीव का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक और GDP का सबसे बड़ा सहयोगी भी है. मालदीव में पर्यटन का कुल GDP में 30% और विदेशी मुद्रा अर्जक में 60% से अधिक हिस्सा है.
मालदीव के लिए कैसे झटका बन सकती है PM मोदी की यात्रा?
- पीएम मोदी ने लोगों से लक्षद्वीप की यात्रा को लिस्ट में शामिल करने की अपील की है. लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है. यह एक बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है. लक्षद्वीप भी हिंद महासागर में स्थित है, यह मालदीव के काफी करीब है, ऐसे में दोनों में खूबसूरती से लेकर मौसम तक कई समानताएं हैं.
- वैसे तो लक्षद्वीप में भी देश विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, लेकिन मालदीव की तुलना में यह काफी कम है. ऐसे में यह लोगों के लिए भीड़ भाड़ वाले टूरिस्ट डेस्टिनेशन मालदीव से बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. इतना ही नहीं लक्षद्वीप, भारत में है, इसलिए यह मालदीव की तुलना में सस्ता और बेहतर डेस्टिनेशन विकल्प साबित हो सकता है.
मालदीव से बिगड़ते भारत के रिश्ते
पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा ऐसे वक्त पर हुई, जब भारत और मालदीव के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी की इस यात्रा को रणनीतिक तौर पर भी काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल, मालदीव में पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. इस चुनाव में चीन समर्थित मोहम्मद मुइज्जू की जीत हुई. मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ही भारत से मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को बुलाने की बात कही.
मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही भारतीय सेना को वापस भेजने का मुद्दा उठाया था. हालांकि, मुइज्जू ये कहते रहे हैं कि वे विकास के पक्षधर हैं और चीन और भारत दोनों के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं. लेकिन मुइज्जू चुनाव प्रचार के दौरान भी चीन से रिश्ते मजबूत करने की वकालत करते रहे. मुइज्जू को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का करीबी माना जाता है. यामीन के समय ही चीन और मालदीव के रिश्ते गहरे हुए थे.
राष्ट्रपति बनने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने बताया था कि मालदीव भारत के साथ किए गए उस समझौते को खत्म करना चाहता है, जिसमें भारतीय नौसेना को मालदीव के जलक्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी. यह समझौता 2019 में पीएम मोदी के माले दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच हुआ था.
चीन का दौरा कर सकते हैं मुइज्जू
भारत से चल रही खटास के बीच राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू चीन की यात्रा पर जा सकते हैं. मुइज्जू की बीजिंग की द्विपक्षीय यात्रा को लेकर बातचीत जारी है. अगर ऐसा होता है तो मुइज्जू भारत की यात्रा से पहले चीन की यात्रा करने वाले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मालदीव के पहले राष्ट्रपति बन जाएंगे. पुराने राष्ट्रपतियों के रास्ते से हटकर मुइज्जू ने भारत की जगह सबसे पहले तुर्की का दौरा किया था. यही वजह है कि मालदीव से चल रहे विवाद के बीच मोदी की तस्वीरों के रणनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं.