(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महिला दिवस: महिला आरक्षण पर मौन क्यों हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
अगर महिला आरक्षण बिल पास हुआ तो लोकसभा की 543 में से 179 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. राज्य विधानसभाओं की 4120 सीटों में से 1360 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.
नई दिल्ली: भारत समेत पूरी दुनिया में आज महिलाओं के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. महिलाओं की बहादुरी से लेकर समाज में उनके योगदान को लेकर कसीदे गढ़े जा रहे हैं. राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और महिलाओं के योगदान को सराहा.
इन सब के बीच एक बड़ा सवाल है कि जब महिलाओं के प्रति सभी का इतना सम्मान है तो देश की संसद और विधानसभा में उन्हें उचित स्थान क्यों नहीं मिल रहा? आखिर महिला आरक्षण बिल जैसे गंभीर मुद्दे पर सरकार चुप क्यों हैं?
महिला आरक्षण पर संविधान क्या कहता है? महिला आरक्षण बिल 2010 में राज्यसभा से पास हुआ लेकिन लोकसभा से पास नहीं हो पाया, महिला आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन होना है. संविधान में संसद और विधानसभा में महिला आरक्षण को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है. 1993 में संविधान में 73वें और 74वें संशोधन के जरिए पंचायत और नगर निकाय में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं.
महिला आरक्षण की मांग क्यों उठी? महिला आरक्षण की मांग इसलिए शुरू हुई क्योंकि संविधान में महिलाओं को बराबरी का हक मिला हुआ है. संविधान महिलाओं को समान अधिकार के साथ साथ महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाने का अधिकार भी देता है. अनुच्छेद 14 के मुताबिक महिलाओं को समानता का अधिकार, अनुच्छेद 39 d में समान काम के लिए पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन और अनुच्छेद 51 a महिलाओं के सम्मान को नुकसान पहुंचाने वाली परंपराओं को खत्म करने की बात करता है.
महिला आरक्षण बिल का इतिहास? महिला आरक्षण बिल सबसे पहले 1996 में संसद में पेश हुआ. 1996 में तब के पीएम एच डी देवगौड़ा की सरकार महिला आरक्षण बिल लाई. 9 मार्च 2010 को महिला आरक्षण बिल राज्यसभा ने पास किया. लोकसभा में कभी भी इस बिल पर वोटिंग नहीं हुई. पिछले साल सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर महिला आरक्षण बिल फिर लोकसभा में लाने की मांग की.
भारत की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी? लोकसभा में कुल 545 सांसद हैं इनमें सिर्फ 66 ही महिला सांसद हैं. राज्यसभा की बात करें तो यहां कुल 245 सांसद हैं जिनमें सिर्फ 23 महिला सांसद हैं. मोदी सरकार के 76 मंत्रियों में से सिर्फ 9 महिलाएं मंत्री हैं. देश भर के राज्यों में सें सिर्फ 3 राज्यों की सीएम महिला हैं. देश में कुल एक लाख 6 हजार महिला सरपंच हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि नागालैंड में अभी तक कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई है.
अगर महिला आरक्षण बिल पास हुआ तो क्या होगा? लोकसभा की 543 में से 179 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. राज्य विधानसभाओं की 4120 सीटों में से 1360 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.