एक्सप्लोरर

फ्रांस से भारत पहुंचने में राफेल विमानों को 48 घंटे क्यों लग रहे हैं, जानिए इसके पीछे की वजह

वायुसेना के पूर्व वाइस चीफ, एयर मार्शल अनिल खोसला के मुताबिक, किसी भी लंबी उड़ान से पहले और बाद में‌ फाइटर पायलट्स को पूरा रेस्ट यानी आराम देना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस तरह के मिशन में कतई ह्यूमन-ऐरर यानी मानवीय-भूल की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए.

नई दिल्ली: राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस के मैरिग्नैक से अंबाला पहुंचने में 48 घंटे से ज्यादा वक्त लगेगा. इस बीच सभी पांचों विमान अपने पायलट्स और ग्राउंड स्टाफ के साथ यूएई के अल-दफ्रा मिलिट्री-बेस पर बुधवार की सुबह तक स्टोपेज पर हैं और करीब दोपहर एक बजे अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब यात्री विमान नौ घंटे में पेरिस से दिल्ली पहुंच जाता है, तो सुपरसोनिक फाइटर जेट को इतना समय क्यों लग रहा है. इन सभी सवालों के जवाब एबीपी न्यूज ने खोजने की कोशिश की है‌.

दरअसल, फाइटर जेट्स राफेल हो या कोई और वे सुपरसोनिक यानी आवाज की गति से तो तेज़ उड़ान भरते हैं, लेकिन उनमें फ्यूल कम होता है और वे ज्यादा दूरी तय नहीं कर पाते हैं. राफेल का फ्लाईट रेडियस करीब एक हजार किलोमीटर का है. यानी कुल करीब डेढ़ हजार किलोमीटर तक एक एक बार में उड़ पाएंगे, ताकि सुरक्षित लैंडिंग की जा सके.

यही वजह है कि राफेल लड़ाकू विमानों के साथ दो फ्रांसीसी फ्यूल टैंकर भी साथ में आए हैं, ताकि आसमान में ही रिफ्यूलिंग की जा सके. हवाई उड़ान के दौरान राफेल विमानों ने एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की भी. लेकिन इसके बावजूद भी पांच राफेल विमानों के लिए फ्यूल कम पड़ सकता है. यही वजह है कि यूएई में फ्रांसीसी मिलिट्री बेस अल-दफ्रा बेस पर हॉल्ट किया गया. वायुसेना के पूर्व प्रवक्ता, ग्रुप कैप्टन संदीप मेहता के मुताबिक, पांचों राफेल विमानों को सीधे अंबाला लाने के लिए कम से कम आठ (08) रिफ्यूल-टैंकर्स (एयरक्राफ्ट) की जरूरत पड़ती.

अबू धाबी के करीब अल-दफ्रा के करीब हॉल्ट करने का एक कारण ये भी है कि राफेल मैरिग्नैक से समंदर या फिर ऐसे क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरकर आएं हैं, जहां किसी ना किसी कारण से युद्ध या फिर हिंसक-संघर्ष चल रहा है. इसलिए यूएई में रुकना जरूरी था.

दूसरा और एक बड़ा कारण है पायलट्स की थकान मैरिग्नैक से अल-दफ्रा तक सात घंटे की उड़ान एक फाइटर पायलट के लिए बेहद लंबी उड़ान होती है. पैर तक सीधे नहीं होते हैं लड़ाकू विमान के कॉकपिट में, ये भी ध्यान रखना चाहिए. जेट-लैग यानी टाइम-ज़ोन के परिवर्तन से होने वाली थकान और तनाव अलग. यात्री विमान की तरह इसमें वॉश-रूम तक नहीं होता और सात घंटे तक पायलट बिना किसी मूवमेंट के एक छोटे से कॉकपिट में जमा रहता है.

वायुसेना के पूर्व वाइस चीफ, एयर मार्शल अनिल खोसला के मुताबिक, किसी भी लंबी उड़ान से पहले और बाद में‌ फाइटर पायलट्स को पूरा रेस्ट यानी आराम देना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस तरह के मिशन में कतई ह्यूमन-ऐरर यानी मानवीय-भूल की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए. इसलिए पायलट्स पूरी तरह आराम करने के बाद अब बुधवार की सुबह उड़ान भरेंगे अल-दफ्रा से सीधे अंबाला के लिए.

जानकारी के मुताबिक, राफेल के साथ भारतीय ग्राउंड स्टाफ भी आ रहा है फ्रांस से ट्रैनिंग लेकर. वो भी अल-दफ्रा पहुंचा है. किसी भी फाइटर जेट को एक लंबी उड़ान से पहले पूरी तरह उसकी सर्विस की जाती है. सबकुछ देख-परख कर उड़ान भरी जाती है. माना जाता है 3-4 घंटे लगते हैं एक जेट को पूरी तरह उड़ान भरने के लिए तैयार करने में. ऐसे में ग्राउंड स्टाफ को भी खासे आराम की जरूरत है. क्योंकि सोमवार की सुबह 8.30 बजे सभी पांचों राफेल लड़ाकू विमानों ने फ्रांस के मैरिग्नैक से उड़ान भरी तो इसके मायने ये हैं कि सुबह 7 बजे ये जेट्स पूरी तरह उड़ान के लिए तैयार होंगे. ऐसे में ग्राउंड स्टाफ का काम रात दो-तीन बजे ही शुरू हो गया होगा.‌

ऐसे ही अल-दफ्रा में ग्राउंड स्टाफ की जिम्मेदारी होगी कि सुबह होने से पहले सभी पांचों विमानों की मेनटेनेंस पूरी कर तैयार कर दें, ताकि सभी पांचों विमान सुरक्षित अंबाला पहुंच जाएं, वायुसेना सहित पूरा देश उनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है. अंबाला एयरबेस पर खुद वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया उनकी आगवानी करेंगे.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह बोले- राम मंदिर में सीता जी की भी हो प्रमुख मूर्ति, भव्य शिवलिंग स्थापित किया जाए  राजस्थान: CM अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने का संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा 
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को दी खुली धमकी, कहा- 20 जनवरी 2025 तक बंधकों को रिहा नहीं किया तो तबाही मचेगी
ट्रंप ने हमास को दी खुली धमकी, कहा- 20 जनवरी 2025 तक बंधकों को रिहा करो नहीं तो खैर नहीं
शपथ ग्रहण से पहले अचानक एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे BJP के संकटमोचक! क्या हुई बात?
शपथ ग्रहण से पहले अचानक एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे BJP के संकटमोचक! क्या हुई बात?
सिख परिवार में पैदा हुए इस लड़के ने एक्टिंग के जुनून में कटवा दिए थे बाल, फिर परिवार ने दे डाली थी ये सजा
सिख परिवार में पैदा हुए इस लड़के ने एक्टिंग के लिए कटवा दिए थे बाल,जानें किस्सा
'रोहित भाई 10 साल हो गए...', ऑटोग्राफ के लिए तरस रहे फैन का भारतीय कप्तान ने खत्म किया इंतजार; वीडियो वायरल 
10 साल से रोहित शर्मा के ऑटोग्राफ के लिए तरस रहा था फैन, आखिरकार खत्म हुआ इंतजार
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

शपथ से पहले 'सरकार' तय !Congress ने चला Adani वाला दांव, Sambhal - Ajmer पर बिखर गया India Alliance ?महाराष्ट्र में शपथ की तारीख तय लेकिन Shinde की तबियत ने बढ़ाया सस्पेंस ?जानिए कौन हैं अवध ओझा, जिन्हें अरविंद केजरीवाल ने AAP में कराया शामिल?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को दी खुली धमकी, कहा- 20 जनवरी 2025 तक बंधकों को रिहा नहीं किया तो तबाही मचेगी
ट्रंप ने हमास को दी खुली धमकी, कहा- 20 जनवरी 2025 तक बंधकों को रिहा करो नहीं तो खैर नहीं
शपथ ग्रहण से पहले अचानक एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे BJP के संकटमोचक! क्या हुई बात?
शपथ ग्रहण से पहले अचानक एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे BJP के संकटमोचक! क्या हुई बात?
सिख परिवार में पैदा हुए इस लड़के ने एक्टिंग के जुनून में कटवा दिए थे बाल, फिर परिवार ने दे डाली थी ये सजा
सिख परिवार में पैदा हुए इस लड़के ने एक्टिंग के लिए कटवा दिए थे बाल,जानें किस्सा
'रोहित भाई 10 साल हो गए...', ऑटोग्राफ के लिए तरस रहे फैन का भारतीय कप्तान ने खत्म किया इंतजार; वीडियो वायरल 
10 साल से रोहित शर्मा के ऑटोग्राफ के लिए तरस रहा था फैन, आखिरकार खत्म हुआ इंतजार
AAI Recruitment 2024: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने निकाली 190 से ज्यादा पदों पर भर्ती, ऐसे करें अप्लाई
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने निकाली 190 से ज्यादा पदों पर भर्ती, ऐसे करें अप्लाई
‘हिंदुस्तान के दिल पर हमला करने जैसा’, अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर बोले महमूद मदनी
‘हिंदुस्तान के दिल पर हमला करने जैसा’, अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर बोले महमूद मदनी
इस वनस्पति को माना जाता है किसानों का दुश्मन, जान लीजिए वजह
इस वनस्पति को माना जाता है किसानों का दुश्मन, जान लीजिए वजह
अब 58 की जगह सीट नंबर 4 पर बैठेंगे नितिन गडकरी, जानिए प्रियंका गांधी को कहां मिली कौन सी सीट?
अब 58 की जगह सीट नंबर 4 पर बैठेंगे नितिन गडकरी, जानिए प्रियंका गांधी को कहां मिली कौन सी सीट?
Embed widget