पहले कर्नाटक तो अब केरल, आखिर केंद्र के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे दक्षिण भारत के मुख्यमंत्री
Pinarayi Vijayan Protest in Delhi: कर्नाटक के बाद अब केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन केंद्र सरकार पर फंड आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे हैं.
Pinarayi Vijayan Protest: दो दिनों में दक्षिण भारत के दो बड़े राज्यों के प्रमुख, देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन के लिए आए हैं. बुधवार (7 फरवरी) को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया अपने सभी विधायकों, सांसदों और विधान परिषद के सदस्यों को लेकर प्रदर्शन करने दिल्ली पहुंचे थे. अब गुरुवार (8 फरवरी) को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन अपने विधायकों और सांसदों के साथ दिल्ली में हैं. दोनों ही राज्यों के प्रदर्शन की वजह एक ही है. दोनों राज्यों के प्रमुखों का आरोप है कि केंद्र सरकार दक्षिण भारत के राज्यों के साथ आर्थिक भेदभाव कर रही है.
आखिर क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं दक्षिण भारतीय राज्यों के CM
इस भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बुधवार को कर्नाटक तो गुरुवार को केरल के सत्तारूढ़ विधायक जुटे हैं. केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है और सूबे के मुखिया पिनरई विजयन ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग उनके प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचें. विजयन का कहना है, वो केरल के प्रति केंद्र की उदासीनता के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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Salutes to Thiru @mkstalin & @arivalayam for extending solidarity & support for Kerala’s protest on February 8th at Delhi against the Centre’s discrimination towards states’ functioning & fiscal autonomy. This gesture boosts our efforts to stand up & resist the vicious efforts to… https://t.co/eQDxyS31uo
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) February 6, 2024
केरल के मुख्यमंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार अनुदानों से इनकार करने और राज्य को मिलने वाले आर्थिक लाभों में कटौती करते हुए भेदभाव कर रही है. ऐसे में केरल के मंत्री, विधायक और सांसद संविधान में निहित संघीय मूल्यों को कमजोर करने के प्रयासों के खिलाफ खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केरल के मुख्यमंत्री का कहना है कि आंदोलन का उद्देश्य केवल केरल ही नहीं, बल्कि सभी राज्यों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना है. उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, केरल के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में कहा, "इस संघर्ष का उद्देश्य किसी पर विजय प्राप्त करना नहीं है, बल्कि आत्मसमर्पण करने की जगह वह हासिल करना है जिसके हम हकदार हैं."
दक्षिण भारत के तीन राज्यों के सीएम केंद्र के खिलाफ
कर्नाटक के बाद अब केरल के सीएम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पत्र लिखकर समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि वित्त व्यवस्था पर भेदभावपूर्ण कंट्रोल के जरिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों का गला घोंटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में हालात बहुत गंभीर हो गए हैं. इस पर मुख्यमंत्री विजयन ने आभार व्यक्त किया है.
ट्विटर के जरिए इस पत्र का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "आपका समर्थन हमारे संविधान में निहित संघीय सिद्धांतों को कमजोर करने के शातिर प्रयासों के लिए खड़े होने और विरोध करने के प्रयासों को मजबूती देगा." विजयन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कार्यों ने संघवाद को कमजोर कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों से ठीक व्यवहार किया जा रहा है. उन्हें पूरा बजट और आर्थिक मदद मिलती है. अपने पोस्ट में विजयन ने उम्मीद जताई कि विरोध को बड़े पैमाने पर समर्थन मिलेगा और गैर-बीजेपी शासित राज्यों के कई नेताओं के इसमें भाग लेने की उम्मीद है.
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