Delhi Kedarnath Mandir Row: दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ मंदिर पर जारी विवाद हर गुजरते दिन के साथ और गहराता जा रहा है. दिल्ली में बीते बुधवार (10 जुलाई, 2024) को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मंदिर के भूमि-पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इसका शिलान्यास किया.
विवाद के बीच जगदगुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ये प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं बन सकता है. हमारे यहां शिव पुराण में द्वादश ज्योतिर्लिंग का उल्लेख किया गया है. 12 ज्योतिर्लिंगों के जहां नाम बताए गए हैं वहीं पर उनका पता भी बता दिया गया है. ये भी उल्लेख है कि केदार हिमालय में है तो आप दिल्ली में केदार को कहां से लाकर रखोगे.'
जनता को भ्रमित करने की कोशिश
जगदगुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूछा कि लोकेशन बदलकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा, 'केदारनाथ धाम दिल्ली में बनाना अनाधिकार जैसा है और ये नहीं होना चाहिए.'
क्या बोले CM धामी?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मंदिर पर उपजे विवाद के बाद कहा, 'प्रतीकात्मक रूप में अनेक स्थानों पर मंदिरों का निर्माण हुआ है, लेकिन वो धाम का स्थान नहीं ले सकते हैं.' धामी बोले, बाबा केदार का धाम उत्तराखंड में है और ये कहीं और नहीं बन सकता.' इस संबंध में सीएम धामी ने समिति को भी उचित दिशा-निर्देश दिए हैं.
श्रीकेदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी की सफाई
श्रीकेदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं, बल्कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण हो रहा है और उसका उत्तराखंड सरकार से कोई भी लेना-देना नहीं है. बता दें कि श्रीकेदारनाथ धाम ट्रस्ट के अनुरोध करने के बाद ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ मंदिर के भूमिपूजन में शामिल हुए.
विवाद की वजह क्या है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला का हाल ही में दिया गया बयान ही इस सारे विवाद की वजह बना. सुरेंद्र रौतेला ने कहा, जो बुजुर्ग केदारनाथ धाम जाने में असमर्थ हैं, वो अब दिल्ली में बाबा के दर्शन कर सकेंगे.'
कांग्रेस भी विरोध में उतरी
विरोध के बीच कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने CM धामी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री खुद केदारनाथ से केदारशिला उठाकर दिल्ली ले जा रहे हैं जो हमारे हितों और आस्था पर कुठाराघात है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
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