जानें - उप चुनाव आयुक्त का 3 दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरा क्यों है महत्वपूर्ण
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए फिलहाल पश्चिम बंगाल में क्या माहौल है, और लगातार चुनाव आयोग के पास जो शिकायतें आ रही हैं उन्हीं का आकलन करने के लिए उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन बिलाल बंगाल दौरे पर हैं.
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उप-निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन 3 दिनों के बंगाल दौरे पर हैं. आज उप चुनाव आयुक्त के दौरे का पहला दिन है. इस दौरान उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन पश्चिम बंगाल के राजनैतिक हालातों का जायजा लेने के साथ ही वहां पर मौजूद प्रशासनिक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे.
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए फिलहाल पश्चिम बंगाल में क्या माहौल है, और लगातार चुनाव आयोग के पास जो शिकायतें आ रही हैं उन्हीं का आकलन करने के लिए उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन बिलाल बंगाल दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान वह अलग-अलग अधिकारियों से बातचीत कर जमीनी स्थिति देखने के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपेंगे.
उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन के 3 दिनों के दौरे के बाद जो रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी जाएगी उसके आधार पर केंद्रीय चुनाव आयोग बंगाल के हालातों को देखते हुए आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी आगे बढ़ाएगा. हालांकि, इस सब के बीच बीजेपी पहले ही चुनाव आयोग से मांग कर चुकी है कि बंगाल में जल्द से जल्द आचार संहिता लागू कर चुनाव करवाए जाए क्योंकि वहां के हालात ठीक नहीं है.
केंद्रीय चुनाव आयोग से मिले बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल की तरफ से मांग की गई थी पश्चिम बंगाल में आए दिन बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, उनकी हत्या की जा रही है राज्य में सुरक्षा की दृष्टि से हालात काफी खराब है लिहाजा अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले का जिक्र करते हुए बीजेपी की तरफ से कहा गया कि स्थानीय पुलिस टीएमसी कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है. इसी को आधार पर बीजेपी ने बंगाल में जल्द से जल्द आचार संहिता लागू करने की मांग की कि है.
वहीं ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि बीजेपी जबरन राज्य के हालात और माहौल को खराब बताने में जुटी है. जिससे कि राज्य में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती करवा सके.
इन्हीं सब आरोप-प्रत्यारोप को देखते हुए केंद्रीय उपचुनाव आयुक्त का यह दौरा अपने आप में खासा महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि एक तरह से केंद्रीय चुनाव आयोग की तरफ से पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा को लेकर किस तरह की तैयारी करनी है और किस तरह के हालात हैं इस सब का आकलन केंद्रीय चुनाव आयोग उप चुनाव आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर करेगी.