World Population Day: क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, जानें इतिहास और इस साल की थीम
हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए 1989 में पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत हुई.
World Population Day 2021 : आज 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है. हर साल इस दिन जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. देश में जनसंख्या विस्फोट ने हमारे विकास को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. जितनी बड़ी देश की जनसंख्या, उतनी बड़ी समस्याएं. इसलिए बढ़ी हुई जनसंख्या को कम करना हमारे लिए बेहद आवश्यक है. चाहे वह विश्व हो या भारत की जनसंख्या, लंबे समय के विकास और संसाधनों पर समान वितरण के लिए इसपर नियंत्रण करना जरूरी है.
दरअसल, विश्व की जनसंख्या को 1 अरब तक पहुंचने में हजारों साल लगे थे लेकिन इसके बाद सिर्फ 200 साल में ही आबादी 7 गुना तक बढ़ गई. 2011 में विश्व की आबादी 7 अरब को भी पार कर गई. अनुमान के मुताबिक 2030 तक विश्व की आबादी 8.5 अरब और 2050 तक 9 अरब और 2100 तक 10.9 अरब होगी. जनसंख्या में यह वृद्धि इसलिए होती है क्योंकि प्रजनन आयु तक पहुंचने वाली व्यक्तियों की संख्या ज्यादा है. तीव्र शहरीकरण, तीव्र प्रवासन की वजह से प्रजनन दर में महत्वपूर्ण बदलाव भी जनसंख्या में वृद्धि का प्रमुख कारण है. चूंकि विश्व में इतनी आबादी के लिए संसाधन नहीं है, इसलिए जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक है.
जनसंख्या दिवस का इतिहास
11 जुलाई 1987 को दुनिया की जनसंख्या 5 अरब हो गई थी. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस पर चिंता प्रकट की. इसके बाद 11 जुलाई 1989 को संयुक्त राष्ट्र में बढ़ती आबादी को काबू करने और परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके साथ ही पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया. संयुक्त राष्ट्र में इस दिन को जनसंख्या दिवस मनाने के लिए प्रस्ताव पास किया गया. विश्व जनसंख्या दिवस पर जागरुकता फैलाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
जनसंख्या दिवस का महत्व
प्रत्येक साल इस दिन जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की जाती है. बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण हमारे सामने जो दिक्कतें हैं और इससे पारस्थिकी तंत्र और मानवता को जो नुकसान पहुंचता है, उसके प्रति जागरुक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. लैंगिक समानता, परिवार नियोजन, गरीबी, नागरिक अधिकार, मां और बच्चे का स्वास्थ्य, गर्भनिरोधक दवाओं के इस्तेमाल से लेकर यौन जैसे सभी गंभीर विषयों विचार विमर्श होता है. भारत चीन के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. कोविड -19 महामारी के इस दौर में हम बढ़ी हुई आबादी के दुष्परिणामों को समझ गए हैं. मेडिकल संसाधनों के अभाव ने इस महमारी में कई लोगों को मौत की नींद सुला दी. इसलिए जनसंख्या प्रबंधन न सिर्फ देश बल्कि विश्व के लिए जरूरी है.
जनसंख्या दिवस 2021 की थीम
इस साल विश्व जनसंख्या दिवस की थीम है- बच्चे की जन्म दर में विस्फोट का समाधान प्रजनन दर में बदलाव से ही संभव है और इसके लिए लोगों का प्रजनन स्वास्थ्य और उनका अधिकार महत्वपूर्ण है. इसके समाधान का उत्तर लोगों के अधिकार और उनकी पसंद है.
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