(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Elections 2024: अधीर चौधरी के बुलावे में नहीं है दम! चाह कर भी वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल नहीं कर पाएगी पार्टी, ये रही वजह
Lok Sabha Elections 2024: वरुण गांधी यूपी के पीलीभीत से बीजेपी के सांसद हैं. पार्टी ने इस बार उनका टिकट काटकर पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है.
Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बार उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटा है. पार्टी ने उनकी जगह पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है. टिकट काटे जाने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी से वरुण गांधी को ऑफर मिला कि वह कांग्रेस में चले जाएं. हालांकि, कांग्रेस के सीनियर लीडर अधीर चौधरी का यह बुलावा बेदम ही साबित होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ खास कारणों से कांग्रेस चाह कर भी वरुण गांधी को अपना नहीं पाएगी. आइए, जानते हैं कि वे कौन सी वजहे हैं:
केरल के वायनाड से कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी और वरुण गांधी बेशक कजिन हैं लेकिन उनके विचार मेल नहीं खाते. इस बात का खुलासा खुद राहुल गांधी ने कुछ समय पहले किया था, जबकि राहुल गांधी की छवि सॉफ्ट हिंदुत्व के मोर्चे पर चलने वाले नेता की मानी जाती है, जबकि वरुण गांधी को कट्टर हिंदू की छवि वाला नेता समझा जाता है. वरुण गांधी पर तो पूर्व में अल्पसंख्यकों के अपमान का आरोप भी लगा था.
राहुल गांधी के स्तर का कांग्रेस में और कोई नेता नहीं!
साल 2014 के बाद यह साफ तौर पर देखने को मिला है कि कांग्रेस में राहुल गांधी के सामने उन्हीं के स्तर और कद का कभी कोई और नेता उभर नहीं पाया. वह भी तब जब उनकी पार्टी में पढ़े-लिखे, युवा और अनुभवी नेताओं की कमी नहीं है. यहां तक कि सगी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी में राहुल गांधी के बराबरी का मौका नहीं मिला. ऐसे में राजनीतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब सगी बहन और पार्टी अंदरखाने के नेता राहुल गांधी के सामने नहीं पनपने दिए गए तो फिर वरुण गांधी को कांग्रेस के लोग राहुल गांधी के समान उठता कैसे देखेंगे.
...तो उत्तर प्रदेश में यहां से टिकट चाहते थे वरुण गांधी
वरुण गांधी की नजरें यूपी की दो हॉट सीट्स पर थीं. वह रायबरेली या अमेठी में से किसी एक सीट से लड़ना चाहते थे. चूंकि, ये दोनों ही चुनावी क्षेत्र गांधी परिवार का गढ़ रहे हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि वह इन सीटों के जरिए परिवार (पिता संजय गांधी और दादी इंदिरा गांधी) की विरासत से सियासी मैदान में खुद को जोड़ना चाहते थे. अगर वह इन सीटों से लड़ते तो जीत भी सकते थे और वहां से पार्टी और जनता के लिए बड़ी उम्मीद भी बन सकते थे.
नरेंद्र मोदी-योगी आदित्यनाथ के निशाने पर रहे BJP सांसद
ऐसा माना जाता है कि अपनी ही पार्टी को निशाने पर लेने वाले वरुण गांधी पिछले कुछ समय से पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के निशाने पर थे. हालांकि, टिकट कटने के बाद वह मां मेनका गांधी के लिए यूपी के सुल्तानपुर में चुनाव प्रचार पर ध्यान देंगे. वरुण गांधी राजनीति और जन सेवा के अलावा लेखन में भी रुचि रखते हैं. उन्होंने कुछ किताबें लिखी हैं, जबकि कविताओं में भी उनकी खासा दिलचस्पी है.
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