महिला विधवा हो या तलाकशुदा, होगा सरोगेसी का अधिकार- स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्यसभा की चयन समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद सरोगेसी (विनियमन) विधेयक को मंजूरी दे दी. इसे महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए सेरोगेसी(किराए की कोख) बिल को मंजूरी दे दी है. इस बिल के तहत अब महिला विधवा हो या तलाकशुदा, उसे सरोगेसी का अधिकार होगा. यही नहीं नए नियम के तहत सेरोगेट मदर को मेडिकल कवर भी 18 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले से सरोगेसी के दुरुपयोग की संभावनाएं बहुत हद तक कम होने की संभावना है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा की सरकार का यह एक बहुत महत्वपूर्ण फैसला है.
बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मंत्री स्मृति ईरानी ने सेरोगेसी बिल पेश किया था. जिसके कुछ बिंदुओं पर आपत्ति के चलते उसे राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया था. सेलेक्ट कमेटी ने कुछ सिफारिशें दी थी जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूर कर लिया गया मौजूदा सिफारिशों के तहत अब महिला विधवा हो या तलाकशुदा उसे भी सरोगेसी का अधिकार है.
क्लोज रिलेटिव के स्थान पर विलिंग वूमेन को अधिकार. इसके अलावा सेरोगेट मदर के मेडिकल कवर 18 महीने से बढ़ाया 36 महीने कर दिया गया है. पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने बताया कि सरकार के इस फैसले से देश में उन तमाम लोगों को फायदा होने वाला है जिन्हें वास्तव में सरोगेट मदर की जरूरत है. साथ ही सरोगेसी का दुरुपयोग करने वालों पर भी अंकुश लगेगा.
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