Wikipedia Controversy: विकिपीडिया क्यों पहुंचा कोर्ट? कहा- जिसने भी कंटेंट एडिट किया, उसका दिखेगा नाम
ANI Case: एएनआई के वकील अखिल सिब्बल ने बताया कि प्लेटफॉर्म उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक जानकारी के आधार पर यूजर्स को समन भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाया जा रहा है. अदालत के सामने भी कॉपी रखेगे.
विकिपीडिया और एएनआई के बीच चल रहे मानहानी केस में बड़ा अपडेट सामने आया है. विकिपीडिया ने सोमवार (28 अक्टूबर 2024) को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि वह एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (एएनआई) के बारे में पेज एडिट करने वाले यूजर्स की जानकारी जल्द उपलब्ध कराएगा.
न्यूज एजेंसी की ओर से दायर मानहानि के मामले में विकिपीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील अखिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ को बताया कि प्लेटफॉर्म उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक जानकारी के आधार पर यूजर्स को समन भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा.
अदालत के सामने भी कॉपी रखने की कही बात
सिब्बल ने अदालत को बताया, "हमारे पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर, हम नोटिस भेजने के लिए हलफनामा दायर कर सकते हैं. इसके अलावा यूजर्स का विवरण एक सीलबंद लिफाफे में अदालत के सामने रखा जाएगा और इसकी एक एडिटेड कॉपी एएनआई के साथ शेयर की जाएगी.
क्या कहा एएनआई के वकील ने
एएनआई के वकील सिद्धांत कुमार ने जोर देकर कहा कि विकिपीडिया इन उपयोगकर्ताओं को नोटिस भेजने की पूरी जिम्मेदारी लेता है. पीठ ने संभावित सहमति आदेश पर विचार करने के लिए मामले में सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया.
क्या है पूरा विवाद
इस मामले में कानूनी विवाद तब सामने आया जब ANI ने इस प्लेटफॉर्म पर अपने बारे में कथित रूप से मानहानिकारक बातें देखीं. इसके बाद एएनआई ने विकिपीडिया पर मानहानिकारक एडिटिंग की अनुमति देने के लिए मुकदमा दायर किया. दरअसल, विकिपीडिया के पेज पर समाचार एजेंसी की प्रचार उपकरण के रूप में कार्य करने के लिए आलोचना की गई थी. एएनआई को मौजूदा सरकार के लिए 'प्रोपगैंडा टूल ' के रूप में बताया गया था. 20 अगस्त को ही सुनवाई में न्यायालय ने विकिपीडिया को दो सप्ताह के अंदर पेज एडिटर के बारे में जानकारी का खुलासा करने का आदेश दिया था. आरोप है कि विकिपीडिया ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद एएनआई ने फिर से पेज एडिट करने वालों की डिटेल को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया.
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