मुंबईः महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के जंगल क्षेत्र से निकलकर एक भालू मंगलवार की रात करीब साढ़े 11 बजे शहर में घुस आया. इस घटना से शहर के सिंगलटोली और आंबाटोली क्षेत्र में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही हमले की आंशका को देखते हुए वनविभाग ने इलाके के लोगों को अलर्ट कर दिया.


संभावना व्यक्त की जा रही है कि, ट्रेनों का आवागमन ना के बराबर होने की वजह से ढाकनी और पांगड़ी के वन परिक्षेत्र की तरफ से रेलवे ट्रैक के सहारे यह भालू सिंगलटोली (आंबाटोली) क्षेत्र स्थित रमाबाई स्कूल के निकट तक आ पहुंचा.


भालू पर लोगों की ऩजर पड़ी तो लोग जमा होकर शोर मचाते हुए उसे परेशान करने लगे. इधर भालू के शहर में दाखिल होने की खबर आग की तरह फैलने से 300 से 400 तमाशबीन जमा हो गए. क्योंकि यह क्षेत्र कंटेन्मेंट जोन से लगा हुआ है इसलिए पुलिस ने पहुंचते ही लोगों को हटाना शुरू किया.


गोंदिया के सहायक वनसंरक्षक आर.आर. सतगीर ने बताया की, ' रात भर वनविभाग अधिकारी और कर्मचारी भालू की मूवमेंट पर निगरानी करते रहे. इसी बीच भालू एक खाली प्लॉट पर स्थित जामुन के पेड़ पर चढ़ गया. चूंकी पेड़ की टहनी पतली थी और भालू का शरीर वजनदार इसलिए कुछ देर में ही भालू उतर आया और आसपास के तीन- चार गलियों में इधर-उधर चलते रहा .



इस दौरान वनविभाग टीम ने पहुंचकर चारों ओर से ग्रीन मेट जाली और बैरिकेट्स बांध दिया ताकि सुरक्षा बनी रहे और भालू लोगों के घरों में ना घुसे. राहत की  बात यह रही कि भालू ने  किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तथा वन कर्मचारियों के पहुंचने से भालू को भी लोगों द्वारा कोई नुकसान नहीं पहुंचा.


गोंदिया के सहायक वनसंरक्षक आर.आर. सतगीर ने बताया की, ' रेस्क्यू टीम नागझिरा- नवेगांवबांध से पिंजरा, प्राणी वाहन, बैरिकेट्स लेकर रात ढाई से 3 बजे के दौरान पहुंची.


पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ.कजरे यहां एकोड़ी से पहुंचे. उसके बाद  बुधवार सुबह 6 बजे उजाला होते ही DCF पूनम पाटे से ट्रेन्यूलाइज करने का ऑर्डर मिलने पर रेस्क्यू टीम के मिथुन चौहान ने ट्रेंक्यूलाइजर गन से बेहोशी का इंजेक्शन भालू को दिया.


यह रेस्क्यू ऑपरेशन DCF पूनम पाटे के मार्गदर्शन में हुआ जिन्होंने जानकारी दी की , “ट्रेंक्यूलाइजर का इंजेक्शन देने के बाद भालू बेहोश हो गया.  उसके बाद वनविभाग अधिकारियों ने 15 से 20 मिनट भालू पर निगरानी रखी, जब यह कन्फर्म हो गया कि भालू बेहोश हो गया है तो फिर उसे बेहोशी  की अवस्था में ही पिंजरे में कैद कर लिया गया और पिंजरा गाड़ी मुंडीपार पाउंड जंगल की दिशा की ओर सुबह 8 रवाना हुई जहां जंगल में भालू को छोड़ दिया गया. ”


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