नई दिल्ली: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच तय मानी जा रही है. बिहार सरकार ने केंद्र से इसको लेकर अनुरोध किया जिसे स्वीकार कर लिया गया है. इस बीच बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की.
गुप्तेश्वर पांडे ने मुबंई पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि पूरा देश ये देख रहा है कि किस तरह से हमारे बिहार के चार पदाधिकारी वहां जाते हैं उनसे कोई मिलता तक नहीं है. कोई उनके कुछ शेयर नहीं करना चाहता और जांच में सहयोग नहीं करना चाहता है. वहां के अधिकारियों को कोई तालमेल नहीं है. बिहार के पदाधिकारी सड़कों पर पैदल और ऑटो में घूम रहे हैं.
डीजीपी ने कहा कि इसके बाद हम एक आईपीएस अधिकारी (विनय तिवारी) को वहां भेजते हैं. इसकी सूचना दी जाती है. लेकिन जब वे वहां पहुंचते हैं तो आधी रात को ठप्पा लगा दिया जाता है और उन्हें क्वॉरन्टीन कर दिया जाता है. बीएमसी उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. ये देश संविधान से चलेगा या बीएमसी के कानून से चलेगा? क्या ये सुप्रीम कोर्ट के ऑबजर्वेशन को भी नहीं मानेंगे?
क्या रिया चक्रवर्ती को अरेस्ट नहीं करेंगे?
इस सवा के जवाब में गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि जांच की एक प्रकिया होती है. हम लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हैं. व्यक्तिगत रूप से किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. हमें किसी को फंसाना नहीं है. हम तो केवल सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाना चाहते हैं. एफआईआर में जो आरोप लगाए गए हैं उसके लिए साक्ष्य जुटा रहे थे. साक्ष्य जुटने के बाद कोर्ट से वांरट प्राप्त करने के बाद हम उनके गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू करने वाले थे. लेकिन हमको तो उन्होंने कुछ करने ही नहीं दिया. मुंबई पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.
महाराष्ट्र पुलिस के अब तक एफआईआर नहीं दर्ज किए जाने पर क्या बोले?
बिहार के डीजीपी ने कहा कि ये सवाल तो उनसे (मुंबई पुलिस) पूछा ही जाना चाहिए. कम्यूनिकेशन चैनल को क्यों बंद किया? इतने साक्ष्य आ गए हैं लेकिन अब तक आपने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज किया? सुशांत सिंह की तथाकथित आत्महत्या का मामला संदेश के घेरे में तो आ ही गया है.
विपक्ष के सवालों बीच CM नीतीश कुमार ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा