दलित वोटों के लिए राहुल ने दिल्ली से शुरू किया संविधान बचाओ सम्मेलन, यूपी और बिहार में बीजेपी की ये रणनीति
सियासत में हर चाल आने वाले चुनावों को मद्देनजर रखकर चली जाती है, इसीलिए हर कोई अपने अपने हिसाब से 2019 की चाल चलने में जुटा हुआ है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतापगढ़ के एक गांव में दलित के घर खाना खाने खाएंगे. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में दलित सम्मेलन किया है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मध्य प्रदेश के मांडला में दलित उत्सव मनाएंगे. बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों खेमे इन दिनों दलित वोट की गोलबंदी में लगे हुए हैं.
राहुल ने दलितों के मुद्दे पर पीएम मोदी पर बोला हमला
सीएम योगी प्रतापगढ़ में दयाराम सरोज नाम के दलित के घर खाना खाएंगे. इतना ही नहीं 27 तारीख को वो अमरोहा में भी एक दलित के घर रात बीताने वाले हैं. उधर राहुल गांधी साल भर तक दलितों के नाम पर सम्मेलन करने वाले हैं. दिल्ली में आज उन्होंने पीएम मोदी को दलित विरोधी बताते हुए हमला भी बोला है.
राहुल गांधी ने दलितों, अल्पसंख्यकों, रेप, न्यायपालिका, भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों को हथियार बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि अगर मुझे संसद में 15 मिनट बोलने दिया जाए तो प्रधानमंत्री खड़े भी नहीं हो पाएंगे. माना जा रहा है कि ये कवायद 2019 लोकसभा चुनाव में दलितों को कांग्रेस के पाले में लाने की कोशिश है.
2019 के चुनाव में निर्णायक भूमिका में होंगे दलित!
सीएम योगी हो या राहुल गांधी असल में 2019 के चुनाव में सबसे निर्णायक भूमिका निभाने वाले दलितों को साधने के लिए हर कोई दलित नाम की माला जप रहा है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दलितों के वोट का बड़ा हिस्सा बीजेपी के खाते में गया था, जो पीएम मोदी की बंपर जीत का एक बड़ा कारण रहा था.
हाल में दलित समुदाय नाराज बताया जा रहा है इसलिए बीजेपी दलितों पर नए सिरे से डोरे डालने में जुटी है. बीजेपी ने यूपी में विद्यासागर सोनकर को विधान परिषद भेजा है और बिहार में संजय पासवान को एमएलसी बनाकर दलित कार्ड खेला है.
दलित नेताओं को भी पूरा भाव दे रही है बीजेपी
बीजेपी को पता है कि दलित दांव निशाने पर लगा तो साल 2019 में वापसी आसान होगी, लेकिन दलित साधना में चूक हुई तो फिर लेने के देने पड़ सकते हैं. यही वजह है कि इन दिनों बीजेपी गठबंधन के दलित नेताओं को भी पूरा भाव दे रही है.
दलित वोट साधने के बीजेपी के दांव
बीजेपी का बिहार में रामविलास पासवान की पार्टी से गठबंधन है. तो महाराष्ट्र में रामदास आठवले की पार्टी को साथ में जोड़ा हुआ है. मोदी सरकार यूपी में 17 पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने का दांव भी खेलने की तैयारी में है. इतना ही नहीं हॉस्टल में रहने वाले एक करोड़ से ज्यादा दलित छात्रों को सरकार सस्ता अनाज भी देगी.
सियासत में हर चाल आने वाले चुनावों को मद्देनजर रखकर चली जाती है, इसीलिए हर कोई अपने अपने हिसाब से 2019 की चाल चलने में जुटा हुआ है.
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