पश्चिम बंगाल में इस महीने के आखिर में वोटिंग की शुरुआत होने जा रही है. 27 मार्च से राज्य में आठ चरणों में विधान सभा के चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में दीदी के किला को फतह करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के शुभेंदु अधिकारी समेत कई बड़े नेताओं को तोड़कर अपने पाले में लाने में कामयाब रही. बीजेपी की तरफ से बंगाल चुनाव में राज्य स्तर से लेकर केन्द्रीय मंत्रियों को चुनाव कैंपेन में झोक दिया गया है. जाहिर है बीजेपी इस चुनाव को किसी मायने में हलके में नहीं ले रही है.
लेकिन, ओपिनियन पोल के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो एबीपी न्यूज-सी वोटर की तरफ से किए गए अब तक के सर्वे में बीजेपी को नंबर-2 जबकि टीएसी नंबर पर बनी हुई है. सवाल ये उठ रहा है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी नंबर-2 की पार्टी ही बनकर रह जाएगी या फिर वाकई कोई करिश्मा कर पाएगी? आइये बताते हैं इसको लेकर क्या सोचते हैं बंगाल चुनाव पर पैनी नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप सिंह और अभय दूबे.
क्या कहता है ओपिनियन पोल?
जनवरी में एबीपी-सी वोटर की तरफ से किए गए ओपिनियन पोल के दौरान पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को 154 से 162 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया था. बीजेपी को 98 से 106 सीटों जबकि कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को 26 से 34 सीटों पर जीत की उम्मीद की गई.
लेकिन, मार्च के महीने में जब ओपिनियन पोल किया गया तो यह आंकड़ा थोड़ा बदल गया. इस ओपिनियन पोल में बीजेपी और टीएमसी को सीटों में बढ़त मिलती हुई दिखी. मार्च में टीएमसी के खाते में ओपिनियन पोल में 150 से 166 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया. साफतौर पर टीएमसी के खाते में 4 सीटें बढ़ी. तो वहीं बीजेपी के खाते में 98 से 114 सीटें तो वहीं कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के हिस्सा में 23 से 31 सीटें आने का अनुमान लगाया गया.
क्या बंगाल में नंबर—2 रहेगी बीजेपी?
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल के पास कम से कम 147 सीटों की आवश्यकता होगी. ऐसी स्थिति में ओपिनियन के हिसाब से फिलहाल बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार दूबे बताते हैं कि ओपिनयन पोल के हिसाब से भले ही बंगाल में टीएमसी की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही हो, पर बंगाल में चुनावी बयार ममता के खिलाफ है.
अभय दूबे बताते हैं कि बंगाल के करीब से जानने वाले पत्रकारों का यह कहना है कि इस वक्त ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर चल रही है. ऐसी स्थिति में अगर इसका किसी दल को चुनाव में फायदा होने वाला है तो वो पार्टी है बीजेपी. उन्होंने कहा कि ओपिनियन पोल की कोई गारंटी नहीं है. ओपिनियन पोल में बंगाल चुनाव को लेकर सच्चाई सामने नहीं आ पा रही है.
लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के कमजोर होने से बीजेपी को फायदा
जबकि, पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रदीप सिंह बताते है कि बंगाल में बीजेपी और मजबूत उसी सूरत मे होगी जब कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन और कमजोर होगा. उसकी वजह है ममता बनर्जी की नेतृत्व वाले वोटर का इंटैक्ट होना. उन्होंने कहा कि ममता के वोटर इस चुनाव में टीएमसी को छोड़ और कहीं नहीं जा रहे हैं. ऐसे में बंगाल चुनाव में बीजेपी नंबर-2 की पार्टी बनेगी या सत्ता में आएगी ये सिर्फ इस पर निर्भर करेगा कि चुनाव में और कितना कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन कमजोर होता है. क्योंकि इस गठबंधन के वोटर के ही भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आने की उम्मीद है.
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