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4 लाख कार्यकर्ता होने का दावा, DDC चुनाव में 3 सीटों पर जीत... क्या जम्मू-कश्मीर में बीजेपी पलट देगी इलेक्शन गेम?

Assembly Election 2024: जम्मू कश्मीर में होने वाला ये चुनाव इसलिए भी खास है कि क्योंकि, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर राज्य में पहला चुनाव हो रहा है.

Assembly Election 2024: चुनाव आयोग ने शुक्रवार (16 अगस्त) को जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसे लेकर बीजेपी का चुनाव प्रचार जोरों पर हो गया है. ये चुनाव इस बार बेहद खास है. क्योंकि, साल 2014 में पहली बार यहां विधानसभा चुनाव हुए थे और अब साल 2024 में विधानसभा चुनाव होंगे.  

रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में होने वाला ये चुनाव इसलिए भी खास है कि क्योंकि, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर राज्य में पहला चुनाव हो रहा है. दरअसल, 5 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था.  

जानिए क्या है जम्मू कश्मीर का सियासी समीकरण?

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद, सरकार ने 2022 में क्षेत्र में चुनावी क्षेत्रों का फिर से परिसीमन किया. जिसमें हिंदू बहुल जम्मू संभाग को अतिरिक्त 6 विधानसभा सीटें आवंटित की गईं, जबकि कश्मीर संभाग को केवल एक अतिरिक्त सीट मिली, जिससे कुल 90 सीटें (लद्दाख को छोड़कर) हो गईं. हालांकि, इससे पहले, जम्मू में 37 सीटें और घाटी में 46 सीटें थीं.  

आर्टिकल 370 के बाद लोग बीजेपी से नाखुश

विपक्षी दलों का कहना है कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जनता बीजेपी से नाखुश है. ये हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में साफ हो गया है. जहां बीजेपी ने हार के डर के चलते घाटी की तीन सीटों में से किसी पर भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. इसके अलावा, पार्टी अपनी लद्दाख सीट भी नहीं बचा पाई. इसके अलावा बीजेपी के समर्थन वाली नई बनी पार्टियों ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.

BJP विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी

चुनाव की ऐलान होते ही सभी राजनैतिक पार्टियां सक्रिय हो गई है. वहीं, बीजेपी चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले 4 सालों में कश्मीर में किए गए विकास के कामों पर चर्चा करने में जुट गई है. पार्टी जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में लोगों से संपर्क कर रही है. ऐसे में क्षेत्रीय बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी में नए-नए लोग जुड रहे हैं. मगर, हकीकत ये है कि बीजेपी की जम्मू क्षेत्र में तो अपनी मजबूती है, लेकिन मुस्लिम बहुल कश्मीर क्षेत्र में उसे कोई विधानसभा सीट नहीं मिली है.

रिपोर्ट की मानें तो साल, 2020 में कश्मीर घाटी में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों में 3 सीटें जीतने के बाद से बीजेपी अपनी मजबूत पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. जबकि, बीजेपी का दावा है कि अकेले घाटी में उसके 4 लाख से ज़्यादा सदस्य हैं.

2014 में क्या थे विधानसभा चुनाव के नतीजे?

साल 2014 का विधानसभा चुनाव के दौरान लद्दाख जम्मू कश्मीर का हिस्सा था. उस दौरान जम्मू कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें हुआ करती थी. जबकि, 2014 के चुनावी नतीजों में पीडीपी ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी और बीजेपी ने 25 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, पीपल्स कांग्रेस ने 2 और जेकेपीडीएफ और निर्दलीय ने 1-1 सीटें जीती थी.

BJP और PDP गठबंधन से बनी थी आखिरी सरकार

इन विधानसभा चुनावों में पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी. जिसके मुख्यमंत्री सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद बने थे. मगर, उनकी मौत के बाद उनकी बेटी मुफ्ती मोहम्मद सईद बनी. लेकिन ये गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चला और 2018 में सरकार से बीजेपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद से जम्मू कश्मीर से राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था.

ये भी पढ़ें : जापान के PM फुमियो किशिदा क्यों दे रहे इस्तीफा, चुनाव में भी नहीं लेंगे भाग, बड़ी वजह आई सामने

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