क्या केमिकल कार्ड से खत्म होगा कोरोना? कोरोना भगाने वाले मैग्नेट कार्ड का सच क्या है?
दावा है कि ये ‘कोरोना मैग्नेट कार्ड’ गले में पहने हुए व्यक्ति को तीन मीटर तक कोरोना वायरस से प्रोटेक्शन देगा. कोरोना वायरस से बचाव के लिए मैग्नेट कार्ड लोगों के बीच पॉपुलर भी हो रहा है.
नई दिल्ली: देश में जहां लगातार कोरोना के माले बढ़ते जा रहे हैं, तमाम उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं. वहीं तरह तरह के दावे भी सामने आए हैं. आगरा के मेयर ने नवीन जैन गले में एक हरे रंग का कार्ड पहने दिखे, ये एक तरह का‘कोरोना मैग्नेट कार्ड’ है जिसे लेकर बड़ा दावा किया गया है. उनका कहना है कि ये कार्ड पहनने से कोरोना 3 मीटर तक दूर रहता है. यानि ये कार्ड 3 मीटर तक कोरोना को दूर रखने में सक्षम है.
नवीन जैन ने कहा कि ऐसा बताया गया है कि इस कार्ड को पहनने से तीन मीटर तक कोरोना पास नहीं आएगा. इसकी वैलिडिटी तीन महीने की है. उन्होंने कहा कि हर किसी को इस कार्ड के पहनना चाहिए. कोरोना के अलावा दूसरे तरफ के वायरस को भी ये कार्ड रोकने में सक्षम है.
वाराणसी में बी सामने आया था इस तरह का कार्ड वाराणसी में कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए बाजारों में तरह तरह के कार्ड, मास्क और सैनिटाइजर की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इससे पहले इस तरह का कार्ड वाराणसी में भी सामने आया था. जिसको लेकर फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन केके गुप्ता ने इसे पूरी तरह फर्जी बताया था और इससे दूर रहने की सलाह दी थी.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस समय बाजार में गले में पहनने वाला सैनिटाइजर आया है, जिसको लेकर यह बताया जा रहा है कि यह कोरोना वायरस से बचाव के लिए काफी प्रभावशाली है. जिलाधिकारी ने कहा कि इसे बनाने वाली कंपनियों का दावा है कि जो भी व्यक्ति इस कार्ड को पहनकर रहेगा, उसके एक मीटर तक के दायरे में कोरोना वायरस एंट्री नहीं करेगा. लेकिन कंपनियों के इस दावे में कितनी सच्चाई है, इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है.
बता दें भारत सरकार या विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे किसी कार्ड के होने का दावा नहीं किया है. ये पूरी तरह से फर्जी है. जिन कैमिकल का इस्तेमाल हवा में मौजूद वायरस को मारने के लिए किया जाता है उनका इस्तेमाल शरीर पर नहीं किया जा सकता.
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