क्या हजारीबाग जेल में भेजे जाएंगे लालू प्रसाद यादव? जानें, क्या है कोर्ट का सुझाव
लालू प्रसाद यादव को शनिवार को सीबीआई अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित 16 लोगों को सजा सुनाई.
रांची: सीबीआई अदालत ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित 16 लोगों को सजा सुनाई. सजा सुनाई जाने के बाद से ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि इन दोषियों को किस जेल में भेजा जाएगा. शुरुआती रिपोर्ट्स की मानें तो इन दोषियों को हजारीबाग की ओपन जेल में भेजा जा सकता है.
हालांकि, अभी तक कोर्ट के ऑडर की कॉपी नहीं आई है जिससे ये पुख्ता तौर पर तो नहीं कहा जा सकता कि इन्हें किस जेल में भेजा जाएगा. लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि वो इन सभी दोषियों को हजारीबाग की खुली जेल में रखने पर विचार कर सकती है.
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खुली जेल का वातावरण इन सभी के लिए ज्यादा बेहतर हो सकता है क्योंकि ये सभी उम्रदराज हैं और हजारीबाग की खुली जेल में वहां डेयरी फॉर्म में अपनी सेवाएं ज्यादा बेहतर तरीके से दे सकते हैं. कोर्ट ने अपने सुझाव में कहा है कि इनमें से अधिकतर लोग जानवरों को चारा, दवाई और खाना देने का तजुर्बा रखते हैं.
ऐसे में इनके अनुभव का भी इस्तेमाल हो जाएगा. कोर्ट ने लालू के दो पूर्व सहयोगियों लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात साल की कैद और बीस लाख रुपये के जुर्माने और बिहार के पूर्व मंत्री आर के राणा को साढ़े तीन साल की कैद और दस लाख जुर्माने की सजा सुनाई. फैसला आने के बाद लालू के बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पटना में कहा है कि वो सजा के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद अपील दायर करेंगे.
किस मामले में मिली है लालू को सजा?
बता दें कि 950 करोड़ के चारा घोटाले केस में एक केस देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े का है. सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को इसी मामले में फैसला सुनाया था. जिसमें कोर्ट ने 22 आरोपियों में से लालू यादव, बिहार के दो पूर्व सांसद आर के राणा और जगदीश शर्मा समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था.
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वहीं कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित छह लोगों को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी कर दिया था.