(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लद्दाख में चीन के साथ तनातनी पर बोले CDS बिपिन रावत, कहा-एलएसी पर बदलाव मंजूर नहीं
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सीमा पर झड़पों और बिना उकसावे के सैन्य कारवाई के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
नई दिल्लीः चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है, हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे. जनरल रावत ने बताया, चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है.
उन्होंने आगे कहा, सीमा पर झड़पों और बिना उकसावे के सैन्य कारवाई के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं पाकिस्तान के बारे उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाक के लगातार छद्म युद्ध और भारत के खिलाफ दुष्ट बयानबाजी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं.
बर्फीले ठंड में भी चीनी सीमा पर मुस्तैद रहेगी भारतीय सेना
चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात जवानों को भीषण सर्दी में इस्तेमाल होने वाले कपड़े दिए गए हैं. यह कपड़े अमेरिका से खरीदे गए हैं कि ताकि कड़ाके के सर्दी में भी जवान मुस्तैद रहे. गर्म कपड़ों के साथ ही जवानों को एसआईजी असॉल्ट राइफल दी गई है. सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि बेहद सर्द मौसम में चुनौतियों से निपटने के लिए जवानों को खास कपड़े और हथियार दिए गए हैं.
सूत्रों ने बताया है कि भारतीय सेना भीषण ठंड के लिए अपने पास करीब 60 हजार सैनिकों के हिसाब से विशेष कपड़ों का स्टॉक रखती है. सूत्रों का कहना है कि इन सेटों में से लगभग 30,000 अतिरिक्त की आवश्यकता थी, क्योंकि एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की आक्रामकता को देखते हुए इस क्षेत्र में 90,000 के करीब सैनिक तैनात हैं.
एलएसी पर दो अतिरिक्त डिविजन तैनात
भीषण ठंड के मौसम में पहने जाने वाले इन कपड़ों की आपात खरीद से भारतीय सेना को काफी मदद मिलेगी. भारत ने पूर्वी लद्दाख में उपजे तनाव के बाद एलएसी पर दो अतिरिक्त डिविजन को तैनात किया है, जिन्हें मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र से बुलाया गया है. इन जवानों को ऊंचाई वाले इलाकों में अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
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