क्या कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी साक्षी मलिक, खुद दिया इस सवाल का जवाब?
साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास ले लिया. उनके बाद अब बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है. साक्षी और बजरंग ने गुरुवार को प्रियंका गांधी से मुलाकात भी की.
बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने के विरोध में पहलवान साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया. वहीं, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को पद्मश्री लौटाने का फैसला किया. साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की. एक इंटरव्यू में जब साक्षी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, अभी ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है.
साक्षी मलिक ने आजतक को दिये इंटरव्यू में कहा, पहलवानों की लड़ाई बृजभूषण के खिलाफ थी. हम चाहते थे कि फेडरेशन से उसका कब्जा खत्म हो जाए. सरकार से हमारी बात भी हुई थी कि किसी महिला को फेडरेशन का अध्यक्ष बनाया जाए. ताकि महिला पहलवानों के शोषण की शिकायतें न आएं, सरकार ने हमारी मांग को स्वीकार करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन नतीजा सबके सामने है, बृजभूषण का राइट हैंड और बिजनेस पार्टनर ही फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया.
क्या हरियाणा से चुनाव लड़ेंगी साक्षी?
साक्षी मलिक ने इस सवाल के जवाब में कहा, अभी ऐसा कोई फैसला नहीं किया है. मैंने रेसलिंग छोड़ी है. अभी दुख में हूं. इससे निकलने के लिए थोड़ा समय चाहिए. भविष्य में क्या करना पड़ जाए, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता, लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.
दरअसल, साक्षी और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को प्रियंका गांधी से मुलाकात की. जब साक्षी से पूछा गया कि ये आंदोलन पहलवान बनाम बृजभूषण से बीजेपी बनाम कांग्रेस हो गया है. इस पर साक्षी ने कहा, आज हम दुखी हैं, कोई सपोर्ट करने आता है तो इससे हमें कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी से भी कोई नेता हमें सपोर्ट करने आएगा, तो हम उसका भी स्वागत करेंगे.
प्रियंका ने दिया समर्थन का आश्वासन
उधर, प्रियंका गांधी ने पहलवानों की लड़ाई में हर तरह से समर्थन देने का आश्वासन दिया. प्रियंका ने कहा कि पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था लेकिन सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी अब भी आरोपी के साथ खड़ी है और देश की महिलाएं इन अत्याचारों को देख रही हैं. जब पहलवान प्रियंका गांधी से मिलने गए तो कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा भी उनके साथ थे. दीपेंद्र हुड्डा ने इससे पहले साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से अपने आवास पर मुलाकात की, जहां हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी मौजूद थे.
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
बजरंग ने लौटाया पद्मश्री
बजरंग पूनिया ने संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ बृजभूषण के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों में शामिल थे. इन तीनों पहलवानों के नेतृत्व में ही कई रेसलर्स ने बृजभूषण के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था. इन पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR भी दर्ज की है. खेल मंत्रालय की दखल के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया था. खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ की पूरी ईकाई को भंग कर दिया था. इसके बाद कुश्ती संघ के चुनाव हुए.