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शिवराज और वसुंधरा की सियासी पारी का आगे क्या होगा? सेंट्रल कैबिनेट में मिल सकता है कौन सा मंत्रालय, एक्सपर्ट ने बताया

मध्य प्रदेश की जनता का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए क्योंकि जिस तरह उन्होंने प्रदेश का विकास किया है, उसी तरह केंद्र के लिए भी वह काम करेंगे.

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को बुधवार (13 दिसंबर) को मोहन यादव और विष्णु देव साय के रूप में नए मुख्यमंत्री मिल गए. मध्य प्रदेश में मोहन सरकार ने नया फरमान भी सुना दिया कि पब्लिक प्लेस में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजने पर बैन लगाया जाएगा. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सियासी भविष्य को लेकर राज्य की बहनें और भांजे परेशान हैं. उधर, राजस्थान में 14 या 15 दिसंबर को भजन लाल शर्मा नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं. पार्टी ने वहां भी वसुंधरा राजे की जगह नए चेहरे को सीएम पद के लिए चुना है.

जब सियासत का रुख और पार्टी का लीडर बदलता है तो फिर उसका रिवाज भी बदल जाता है. पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेता चलाते थे और शिवराज सिंह चौहान एवं वसुंधरा राजे उन्हीं के चुने हुए नेता हैं, लेकिन अब पार्टी की सेंट्रल लीडरशिप नए चेहरों पर दांव आजमा रही है. ऐसे में चर्चा है कि शिवराज और वसुंधरा को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए. अगर केंद्रीय कैबिनेट में दोनों नेताओं को जगह मिलती है, तो कौन सा मंत्रालय मिलेगा, आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं-

शिवराज को लेकर जनता की क्या है राय?
मध्य प्रदेश की जनता जहां एक तरफ शिवराज को मुख्यमंत्री ना बनाए जाने से काफी दुखी है तो वहीं उनको यह भी लगता है कि शिवराज को केंद्र में रहकर देश के लिए काम करना चाहिए. जनता का मानना है कि जिस तरह शिवराज ने प्रदेश का विकास किया है उसी तरह वह देश को भी अच्छे से चलाएंगे. एमपी की जनता का कहना है कि शिवराज चार बार के मुख्यमंत्री है इसलिए उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह जरूर देनी चाहिए.

शिवराज को सेंट्रल कैबिनेट में मिल सकता है कौन सा मंत्रालय
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जाती है तो वह बेहतर काम करेंगे. उन्हें कृषि मंत्री किसी और महत्वपूर्ण मंत्रालय जैसी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए क्योंकि उनमें वो कैलिबर है कि वो इन मंत्रालयों को अच्छे से चला सकें. राजनीतिक विश्लेषक हर्षवर्धन त्रिपाठी का मानना है कि कृषि मंत्री या किसी महत्वूर्ण मंत्रालय में एक केंद्रीय मंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान की बड़ी भूमिका देखता हूं. उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज ने एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट में कमाल का काम किया है, किसानों के लिए वह जिस तरह की योजनाएं लेकर आए, वो अपने आप में कमाल का काम है. मुझे लगता है कि वो एक भूमिका हो सकती है. इसके अलावा भी अगर वह किसी मंत्रालय में जाएंगे तो जैसा उनका पॉलिटिकल ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उसमें वह बेहतर करेंगे.'

सीएम ना बनाए जाने पर बहनें दुखी
शिवराज को मुख्यमंत्री ना बनाए जाने को लेकर जनता बेहद दुखी है. खासतौर से महिलाएं काफी निराश हैं. उनको इस बात का डर ज्यादा इसलिए भी सता रहा है कि मोहन यादव सरकार लाडली बहना जैसी महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं को आगे चलाएगी या नहीं. शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में बड़े-बड़े हॉर्डिंग लगे, लेकिन लाडली योजना का कहीं कोई जिक्र नहीं था.

वसुंधरा को लेकर जनता की क्या है राय
वसुंधरा राजे को लेकर राजस्थान की जनता का मानना है कि पहले 2024 के लिए उन्हें राज्य में रहकर पार्टी के लिए काम करना चाहिए ताकि प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटों पर पार्टी को जीत मिले. जयपुर की जनता कहना है कि पार्टी का राष्टीय उपाध्यक्ष होने के नाते वसुंधरा राजे को देशभर में जाकर बीजेपी को मजबूत करने के लिए 2024 में काम करना चाहिए. वहीं, कुछ का मानना है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में रहकर ही काम करन चाहिए क्योंकि वसुंधरा राजे के बगैर राज्य की 25 सीटों पर जीत मिलना मुश्किल है.

वसुंधरा को मिल सकता है कौन सा मंत्रालय
एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि वसुंधरा राजे की राजस्थान, केंद्र और भारतीय जनता पार्टी में भूमिका ना तो अभी खत्म हुई है और ना ही इतनी जल्दी खत्म होगी. वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने कहा कि वसुंधरा के पास पहली जिम्मेदारी यह होगी कि वह राजस्थान में 2024 के लोकसभा चुनाव में 25 की 25 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत रिपीट कराने की जिम्मेदारी लें. इसके बाद पार्टी उन्हें केंद्र या कहीं और जो जिम्मेदारी देती है, तो उन्हें उसे निभाना चाहिए.

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